"गया जी में माता सीता का श्राप भाग-3 फल्गु नदी क्यों रहती है सूखी Gaya Ji Sita Mata Story"
Автор: Mahendra Shivwanshi
Загружено: 2025-09-22
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पितृपक्ष की सबसे प्राचीन और दिव्य कथा –
जब भगवान श्रीराम और लक्ष्मण सामग्री लेने नगर गए, तो गया जी के फल्गु नदी तट पर माता सीता अकेली रह गईं।
निश्चित समय निकल जाने पर उन्होंने श्रद्धा से रेत से पिंड बनाकर पिंडदान किया।
साक्षी के रूप में उपस्थित – फल्गु नदी, वट वृक्ष, ब्राह्मण, तुलसी और गौ माता।
परंतु, जब श्रीराम लौटे तो साक्ष्य माँगने पर फल्गु नदी, ब्राह्मण और गौ माता ने सीता माता के विरुद्ध गवाही दी।
तब माता सीता ने क्रोध में श्राप दिया –
🌿 फल्गु नदी ऊपर से हमेशा सूखी रहेगी।
🌿 ब्राह्मण को कभी तृप्ति नहीं होगी।
🌿 गौ माता को भी कठिन श्राप मिला।
🌿 तुलसी गया जी में स्वाभाविक रूप से नहीं उगेगी।
लेकिन –
🌳 अक्षयवट वृक्ष ने सच्ची गवाही दी।
इसलिए उन्हें माता सीता का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
आज भी गया जी में पिंडदान करते समय अक्षयवट को विशेष स्थान दिया जाता है।
यह कथा न केवल पितरों की मुक्ति का महत्व बताती है बल्कि माता सीता के सत्य और श्राप का प्रभाव आज भी जीवित है।
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