कारगिल विजय दिवस की गाथा सुनिए, उस महायोद्धा के मुख से जिसने पाकिस्तानी घुसपैठियों को धूल चटा दी
Автор: Hindustan Aravali
Загружено: 2021-07-26
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दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गोरखपुर के रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग द्वारा कारगिल विजय दिवस पर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में कर्नल इंद्रजीत घोषाल (44 यू.पी. बटालियान एन.सी.सी., गोरखपुर) ने कारगिल युद्ध के दौरान अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि कारगिल युद्ध में प्रथम बटालियन के नेतृत्व के साथ उन्होने दुश्मनों के नापाक मंसूबो पर पानी फेर दिया था।
उन्होने बताया कि भारतीय फौज के जवानों ने विकट परिस्थितयों में 18000 फिट की बर्फ की चोटियों पर चढाई करते हुए कारगिल की पहाड़ियों पर तिरंगा लहराया।
जवानों ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया, कारगिल की पहाड़ियों पर करीब 40 से 45 दिनों तक चले युद्ध में भारतीय सेना के जज्बे के सामने पाक सैनिकों ने अपने घुटने टेक दिये।
उन्होंने आगे कहा कि कोई कार्य असंभव नहीं होता, यदि हम ठान ले। यह लड़ाई पहली बार पहाड़ी इलाकों में लड़ी गई थी और जीत भी हासिल की गई। उन्होने कहा कि हम कभी पहले हाथ नहीं उठाते लेकिन जब कोई एक बार भी हमें ट्रिगर कर देता है हम उन्हें छोड़ते नहीं।
यह भारतीय फौज की अपनी पहचान है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप अपने कैपेबिलिटी के आधार पर अपना रास्ता चुने और तरक्की पर आगे बढ़े ऐसी मेरी शुभकामनाएं हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ वीणा गोपाल मिश्रा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन ने कहा कि योद्धा पैदा नहीं होते बल्कि बनाए जाते हैं और ऐसे ही एक योद्धा हमारे बीच उपस्थित कर्नल घोषाल जी हैं।
पड़ोसी बार-बार हमारे विश्वास को खंडित करते रहे हैं। लाहौर घोषणा पत्र मैं इस बात का साफ-साफ उल्लेख है कि हम समस्याओं का समाधान आपसी बातचीत से करेंगे किंतु वे बार-बार इस बात का उल्लंघन करते रहे। मातृभूमि के प्रति समर्पण जोश जज्बे और जुनून ने हमारे सैनिको के साथ-साथ मातृभूमि की मस्तक ऊचा कर दिया।
कारगिल युद्ध के पीछे पाकिस्तानियों की चाल लद्दाख, लेह और कश्मीर को जोड़ने वाले सम्पर्क सूत्र को तोड़ना था किंतु वे इस मंसूबे में सफल ना हो सके।
उन्हें यह ज्ञात होना चाहिए कि आज भारत ऐसे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है कि अगर किसी ने गलती से भी हमे चोट पहुचाने की कोशिस की तो वो दिन दूर नही की हम कश्मीर ही नहीं पीओके को भी शीघ्र अति शीघ्र प्राप्त करने में सफल हो सकेंगे।
उक्त अवसर पर 04.12.2020 को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित संस्थापक समारोह में शोभा यात्रा के अवसर पर भारतीय सेना के प्रथम सी.डी.एस. जनरल विपिन रावत के सम्मान में गार्ड ऑफ आनर में प्रतिभाग करने वाले महाविद्यालय के एन.सी.सी. कैडेटों को मुख्य अतिथि
कर्नल घोषाल द्वारा प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृति किया गया।
कार्यक्रम का संचालन रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग के प्रभारी डॉ. आर पी यादव ने किया तथा अतिथि स्वागत भाषण डॉ. कमलेश कुमार मौर्य द्वारा प्रस्तुत किया गया आभार ज्ञापन श्री विकास पाठक ने की।
उक्त कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक डॉ. परीक्षित सिंह, डॉ. अर्चना सिंह, डॉ. गीता सिंह, डॉ. सत्यपाल सिंह, डॉ. विवेक शाही, डॉ. सरिता सिंह, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. अखिल कुमार श्रीवास्तव, श्री इंद्रेश कुमार पाण्डेय, श्री पियूष कुमार सिंह, डॉ. नितेश कुमार शुक्ला डॉ. अजय तिवारी, डॉ. अखंड प्रताप सिंह सहित विभाग के छात्र और छात्राएं उपस्थित रहे।
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