CIA द्वारा PM Modi के assassination की theory में कितनी सच्चाई है?
Автор: Next To TV
Загружено: 2025-10-26
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CIA ISI का पीएम मोदी को मारने का प्लान फ्लॉप ?
दोस्त पुतिन की कार में ऐसे ही नहीं बैठे थे मोदी
सोशल मीडिया पर आज सबसे बड़ी चर्चा का विषय है क्या सीआईए और isi मिलकर पीएम मोदी को मारना चाहते थे। अगर हम एक एक कड़ी जोड़ें तो पता चलता है की लाल बहादुर शास्त्री की तरह पीएम मोदी का असैसिनेशन करने का पूरा प्लान था। लेकिन अबकी बार भारत ने भारत के पीएम का असैसिनेशन करने वालों को उससे पहले ही निपटा दिया। लेकिन कई लोग सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं की क्या वाकई अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर पीएम मोदी को मारना चाहते थे। तो देखिये दोस्तों कुछ भी संभव है। अमेरिका अपने दुशमनों को किसी भी तरह से कहीं भी रास्ते से हटा सकता है जो वो पहले भी करता आया है। हमारे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री से लेकर इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी तक, साथ ही हमारे परमाणु वैज्ञानिक से लेकर बिजनिसमैनो का पहले भी असैसिनेशन हुआ है तो कुछ भी संभव है।
तो चलिए देखते हैं की क्या वाकई जो चर्चा चल रही है की पीएम मोदी को मारने निकले सीआईए और isi के शिकारियों को भारत पहले ही शिकार कर दिया। अगर ये सही है तो भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए बहुत बड़े सम्मान बात है और भारत के दुशमन अब समझ गए हैं की भारत अब छोड़ेगा नहीं।
जो थिओरी सीआईए द्वारा भारत के प्रधानमंत्री को मारने की चल रही है उसमे सबसे बड़ा कारन ये है की आज अकेला भारत है जो अमेरिका को हर तरह से चुनौती दे रहा है। चाहे भारत के प्रधानमंत्री का विश्व में अमेरिका के राष्ट्रपति से ज्यादा सम्मान हो या फिर भारत के लोकतंत्र पर अमेरिका से ज्यादा भारत पर विश्वास हो दुनिया का। नियम सम्मत विश्व चलाने के लिए आज दुनिया भारत की ओर देख रही है ओर अमेरिका पर कोई विश्वास नहीं कर रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है और दुनिया में भारत आज डूबती अर्थव्यवस्थाओं के लिए इंजन का काम कर रहा है। ये बात अमेरिका कभी सहन नहीं कर सकता जो दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्था में अपने आप को बॉस मानता चला आया है और आगे भी बने रहने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत आज उसके सामने खड़ा हुआ है। चीन और रूस जैसे देश भारत की तरह लोकतान्त्रिक नहीं है जिससे उनकी स्वीकार्यता उतनी नहीं है जितनी भारत की है दुनियाभर में। इसलिए अमेरिका भारत के उस प्रधानमंत्री को रास्ते से हटाने के बारे में किसी भी हद तक जा सकता है जिसने अमेरिका को हर तरह से चुनौती दे राखी है। इसमें कोई अतिशियोक्ति नहीं होनी चाहिए की अमेरिका ऐसा नहीं करेगा।
अब हम देखते है प्रधानमंत्री मोदी के बदलते कार्यक्रम विश्वनेताओं के साथ। सबसे पहले इसकी शुरुआत होती है अमेरिका में होने वाले संयुक्त राष्ट के अधिवेशन से जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं जाते हैं। लेकिन कुछ लोगों ने कहा की पीएम मोदी इसलिए नहीं गए की वो डोनाल्ड ट्रम्प से आमने सामने की मीटिंग से बचना चाहते थे। लेकिन पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति समय समय पर फोन पर बात करते रहे हैं तो ये कहना की आमने सामने की मीटिंग से बचना कोई बड़ा कारण नहीं हो सकता। लेकिन हां ये भी एक कारण हो सकता हैं की पीएम मोदी डोनाल्ड ट्रम्प के सामने नहीं बैठना चाहते हों। यहीं नहीं मिस्र के शर्म अल शेख में 20 राष्ट्राध्यक्षों की मीटिंग होती हैं गाजा और इजराइल युद्ध विराम को लेकर जहाँ पाकिस्तान के पीएम को आप सबने देखा की कैसे ट्रम्प के सामने गिड़गिड़ा रहा था। ट्रम्प यहाँ बॉस की तरह सभी राष्ट्राध्यक्षों की मेजबानी कर रहा था और सभी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की चापलूसी कर रहे थे शाहबाज शरीफ की तरह। लेकिन पीएम मोदी को एक दिन पहले शर्म अल शेख में आने को न्योता दिया जाता हैं मिस्र के राष्ट्रपति की ओर से लेकिन भारत ने मना कर दिया की भारत के प्रधानमंत्री इसमें शामिल नहीं हो सकते। आप सोचिये अचानक पीएम मोदी को न्योता दिया जाता हैं, वो भी मिस्र के राष्ट्रपति अल सीसी द्वारा। मतलब साफ़ हैं की पहले पीएम मोदी को न्योता देने की कोई योजना नहीं थी। इसका मतलब हैं की किसी ने मिस्र के राष्ट्रपति को अचानक बोला की पीएम मोदी को बुलाओ, आखिर क्यों ? ये भी हो सकता हैं की भारत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 20 सूत्रीय शांति समझौते का भारत ने गाजा में शांति लाने के प्लान का समर्थन किया था तो ट्रम्प ने पीएम मोदी को बुलाया या फिर पीएम मोदी को बुलाने की सीआईए की कोई साजिश हो, कुछ भी हो सकता हैं। लेकिन पीएम मोदी वह नहीं गए। साथ ही आपको याद होगा की शर्म अल शेख में पीएम मोदी के आलावा सऊदी के प्रिंस के साथ रूस चीन के राष्ट्रपति भी नहीं गए थे। तो ये क्या था आप सोचिये।
अगला और दौरा पीएम मोदी केंसल कर देते हैं अचानक। ये हैं मलेशिया में होने वाले आसियान शिखर सम्मेलन में जाना। जहाँ बात चल रही थी की पीएम मोदी अवश्य जायेंगे, लेकिन मलेशिया के प्रधानमंत्री की तरफ से बयान आता हैं की पीएम मोदी दीवाली की व्यस्तता की वजह से मलेशिया नहीं आ पाएंगे और वो डिजिटली शिखर सम्मलेन को सम्बोधित करेंगे। हम सब जानते हैं की दीवाली कब की खत्म हो गई हैं। लेकिन कुछ लोगों ने यहाँ भी कहा की पीएम मोदी शायद डोनाल्ड ट्रम्प से आमने सामने की मीटिंग से बच रहे हैं। लेकिन कौन जाने की पीएम मोदी किस वजह से नहीं गए आसियान शिखर सम्मलेन में। क्या भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने पीएम मोदी के मलेशिया में जाने के बारे में कुछ कहा आप सब भी बताएं। वैसे सच्चाई धीरे धीरे खुलकर सामने आ रही हैं लेकिन पूरी तरह से सामने आने में सच्चाई के कुछ और समाया लगेगा।
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