बिस्तर पर खाना खाने की ये गलती अगर आप भी करते हैं तो सावधान हो जाइए! Aniruddhacharya Ji
Автор: Aaj Ki Khabar
Загружено: 2025-11-15
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अनिरुद्धाचार्य जी यमराज और चित्रगुप्त के संवाद वाली एक प्राचीन कथा के माध्यम से इसकी व्याख्या करते हैं। कथा राजा चंद्रकेतु के पुत्र की है, जो मात्र 16 वर्ष की आयु में असमय मृत्यु का शिकार हो गया। यमराज चित्रगुप्त से कहते हैं कि शास्त्रों में भोजन के सख्त नियम हैं। बिस्तर पर खाना खाना अशुद्धि को बढ़ावा देता है, क्योंकि बिस्तर सोने का स्थान है, न कि भोजन का। यह पशु जैसा व्यवहार माना जाता है, जो आयु घटाता है। वे कहते हैं: "बिना स्नान किए खाना खाना शास्त्रों में निषिद्ध है। ऐसा करना पशु जैसा आचरण है और इससे आयु कम हो जाती है।"
इसके अलावा, बिस्तर पर खाने से शरीर में अशुद्धि बढ़ती है, जो विभिन्न रोगों को जन्म देती है। शास्त्रों में कहा गया है कि भोजन से पहले शरीर को शुद्ध करना अनिवार्य है – हाथ-पैर-चेहरा धोना, और यदि संभव हो तो स्नान करना। बिस्तर पर खाना खाने वाला व्यक्ति अपना जीवन दुखद और छोटा बना लेता है।
परिणाम:
इस गलती के भयानक परिणाम बताते हुए अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि इससे शरीर रोगों का घर बन जाता है। कथा में राजा के पुत्र की मृत्यु का मुख्य कारण यही था – वह रोज बिना स्नान किए बिस्तर पर ही खाना खाता था। यमराज चित्रगुप्त को समझाते हैं: "जो व्यक्ति बिस्तर पर बैठकर खाना खाता है, उसके शरीर में विभिन्न रोग विकसित हो जाते हैं और जीवन असमय समाप्त होने का खतरा रहता है।" इससे न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ता है, बल्कि पाप बढ़ता है, दीर्घायु नहीं मिलती, और घर-परिवार में सुख-समृद्धि प्रभावित होती है। कुल मिलाकर, यह बुरी आदत जीवन को दुखी और छोटा बना देती है।
अनिरुद्धाचार्य जी की सलाह:बिस्तर पर खाना खाने की ये गलती अगर आप भी करते हैं तो सावधान हो जाइए! Aniruddhacharya Ji
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