यदि भारत के ग्रामीण क्षेत्र की आबादी में आप की जमीन है तो यह वीडियो आपके लिए है। स्वामित्व योजना।
Автор: Akash Maurya (CRIME REPORTER) News24media
Загружено: 2023-04-09
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प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत घरौनी कैसे डाउनलोड करें। यदि आप जानना चाहते हैं तो इस वीडियो को पूरा देखें। मैं आपको आज बताऊंगा घरौनी प्रमाण पत्र को कैसे डाउनलोड किया जा सकता है। सबसे पहले आपको यह जानना आवश्यक होगा। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत है घरौनी, यानि (ग्रामीण आवासीय अभिलेख) क्या है। घरौनी के लाभ क्या हैं। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत है।घरौनी योजना क्यों शुरू की गई? भविष्य में घरौनी योजना के क्या लाभ होने वाले हैं?
ग्रामीण इलाकों में जितने भी घर बने हुए हैं ,उनका कोई सरकारी दस्तावेज नहीं है। जिससे कोई यह कह सके कि यह मेरा घर है। ग्रामीण इलाकों में घरों को चिन्हित करने के लिए प्रत्येक घर का घरौनी प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है। इसीलिए भारत सरकार ने पीएम स्वामित्व योजना की शुरुआत की है। जिसके तहत घरौनी योजना शुरू की गई है। इस योजना से जुड़े सभी कार्य पूरे होने के बाद आप अपने घर की घरौनी आसानी से डाउनलोड कर सकेंगे। घरौनी निकालने के लिए आपको कुछ स्टेप फॉलो करने होंगे। आज हम आपको बताने वाले हैं। , खरौनी के क्या लाभ है।आप घरौनी कैसे बनवा सकते हैं।
घरौनी एक प्रकार का दस्तावेज है। जिसे ग्रामीण आवासीय अभिलेख भी कहते हैं। स्वामित्व योजना के तहत प्रत्येक घर के लिए एक घरौनी कार्ड बनाया जाएगा। इस कार्ड में प्रत्येक घर की एक आईडी होगी। जिससे यह चिन्हित किया जा सके कि यह घर आपका है। जैसे आपका एक आधार कार्ड बना हुआ है। जिससे आप की पहचान होती है, कि यह आप हैं। ऐसे ही ग्रामीण इलाकों में स्वामित्व योजना प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत प्रत्येक घर का घरौनी प्रमाण पत्र, अथवा घरौनी कार्ड बनाया जाएगा। जिससे कि घरौनी प्रमाण पत्र से पहचान की जा सके, कौन सा घर किसका है। इसके बनने से भविष्य में आपसी विवाद व झगड़े खत्म हो जाएंगे। आप को बैंक से घरौनी प्रमाण पत्र पर आसानी से लोन भी मिल जाया करेगा। अभी तक ग्रामीण इलाकों में घरों के किसी भी प्रकार के दस्तावेज या ग्रामीण आवासीय अभिलेख उपलब्ध नहीं है। घरौनी एक ऐसा दस्तावेज है, जो आपके घर को यह प्रमाणित करेगा कि यह घर आपका है। घरौनी प्रमाण पत्र या घरौनी कार्ड में 13 अंकों की एक आईडी दी जाएगी। स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को दी जाने वाली घरौनी में हर मकान का एक यूनीक आइडी नंबर दर्ज होगा। 13 अंकों के इस आइडी नंबर में पहले छह अंक गांव के कोड को दर्शाएंगे। अगले पांच अंक आबादी के प्लांट नंबर को दर्शाएंगे। और आखिरी के दो अंक उसके संभावित विभाजन को दर्शाएंगे। घरौनी प्रमाण पत्र आपके घर का दस्तावेज होगा। जिससे यह प्रमाणित होगा कि यह मकान या घर आपका है।भविष्य में आप घरौनी के माध्यम से अपने घर पर लोन भी ले सकेंगे। अभी तक ग्रामीण इलाकों में ऐसा कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है ,जिससे यह साबित किया जा सके कि यह घर आपका है।इसलिए घरौनी योजना की शुरुआत की गई है। इसी कारण जनहित को देखते हुए घरौनी प्रमाण पत्र अथवा घरौनी कार्ड जारी जा रहे हैं। पीएम स्वामित्व योजना लागू करने का उद्देश्य भारतवर्ष के तमाम गांवों में रहने वाले लोगों को उनके आवासीय जमीन का मालिकाना हक दिलाना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य संपत्ति का रिकॉर्ड बनाना, और उसका मालिकाना हक तय करना है। पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वामित्व योजना की शुरुआत की थी। सभी ग्रामीणों को जमीन का मालिकाना हक दिलाने के लिए, नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। गांव में जमीन की पैमाइश के लिए ड्रोन तकनीक की मदद ली जाएगी। जिससे किसान और गांव वालों की संपत्ति का रिकॉर्ड बनाया जाएगा। ड्रोन की मदद से देशभर के सभी गांव में संपत्ति की मैपिंग की जाएगी। जिस गांव वाले के हिस्से में जितनी जमीन आएगी, उनका मालिकाना हक दिलाने के लिए उन्हें दस्तावेज भी दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना से ग्रामीण लोग भी अपनी संपत्ति पर बैंक से लोन ले सकेंगे। ग्रामीण अपनी संपत्ति पर लोन लेकर किसी भी तरह का रोजगार या बिजनेस शुरू कर पाएंगे। हम सभी जानते हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय संपत्ति का कोई भी रिकॉर्ड नहीं होता है । ग्रामीण इलाकों में यदि आपका घर है ,तो उसका सरकार के पास या आपके पास कोई भी मालिकाना हक नहीं है। जिससे यदि किसान आवासीय जमीन पर लोन लेना चाहता है, तो उसके पास किसी भी प्रकार के दस्तावेज उपलब्ध ना होने के कारण बैंक लोन देने से मना कर देता हैं। इसीलिए प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई है। जिससे किसानों को उनकी आवासीय जमीन का मालिकाना हक मिल सके। यहां पर हम आपको बताने वाले हैं, कि ग्रामीण इलाकों में जमीन कितने प्रकार की होती हैं। क्योंकि कुछ जमीन पर सरकार का कब्जा होता है तो कुछ पल नागरिकों का। इन्हीं के आधार पर घरौनी के प्रकार बनाए गए हैं। जिससे आप यह अंदाजा लगा सकते हैं, कि जमीन, या घरौनी के प्रकार क्या होते हैं। केंद्र सरकार के विभाग, निगम, प्राधिकरण, आदि के भवन, भूमि
राज्य सरकार के विभाग, निगम आदि के भवन और भूमि। अर्ध सरकारी संस्थाओं के भवन, और भूमि, सहकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह के भवन, व भूमि। ग्राम पंचायत या स्थानीय निकाय के भवन व भूमि, निजी/व्यक्तिगत/पारिवारिक भवन व भूमि। निजी कंपनी, कॉरपोरेशन, फर्म आदि के भवन व भूमि। न्याय व धर्मार्थ संस्थाओं, एनजीओ, के भवन व भूमि, अन्य भवन व भूमि।
ग्रामीण इलाकों में लोगों के पास अपनी आवासीय जमीन का रिकॉर्ड नहीं होता है ! यदि उनसे कहा जाए कि इसकी रजिस्ट्री या मालिकाना हक के कागजात दिखाइए, तो उनके पास ऐसा कुछ नहीं होता है। आज से पहले ऐसी कोई भी व्यवस्था नहीं थी। जिससे ग्रामीण इलाकों की आवासीय जमीन पर किसी भी प्रकार का मालिकाना हक जताया जा सके। इसलिए भारत सरकार ने स्वामित्व योजना का शुभारंभ किया। जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा, कि ग्रामीण इलाकों की आवासी जमीन का मालिकाना हक किसके पास है।
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