तुलसीदास: संक्षिप्त जीवन परिचय, प्रमुख रचनाएँ और साहित्यिक महत्व
Автор: ANKIT GAUTAM
Загружено: 2025-11-29
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तुलसीदास का जीवन परिचय
1.जन्म: संवत् 1554 (ईस्वी 1532) में। अधिकांश विद्वान जन्म स्थान राजापुर (चित्रकूट) मानते हैं, जबकि कुछ सोरों को भी मानते हैं।
2.माता-पिता: पिता आत्माराम दुबे और माता हुलसी बाई।
3.बचपन: जन्म के समय ही माता-पिता से बिछड़ गए। उनका बचपन अनाथ और कठिन परिस्थितियों में बीता। गुरु नरहरिदास या नरहरिनंद के मार्गदर्शन में राम भक्ति का मार्ग मिला।
4.शिक्षा: वाराणसी में शिक्षा प्राप्त की और अपने गुरु से राम भक्ति का ज्ञान प्राप्त किया।
5.विवाह: रत्नावली से विवाह हुआ, लेकिन पत्नी के एक वचनों से प्रेरित होकर उन्होंने गृह त्याग दिया और अपना जीवन पूरी तरह से राम भक्ति को समर्पित कर दिया।
6.भक्ति: राम भक्ति में लीन होकर दास भाव की भक्ति की। उन्होंने मानव मूल्यों और मर्यादा का संदेश अपनी रचनाओं के माध्यम से दिया।
7.निधन: संवत् 1680 (ईस्वी 1623) में काशी में हुआ।
प्रमुख रचनाएँ
रामचरितमानस: तुलसीदास की सबसे प्रसिद्ध और महाकाव्य कृति, जो अवधी भाषा में रचित है।
1.कवितावली: ब्रज भाषा में रचित रचना।
2.गीतावली: रामचरितमानस के कुछ प्रसंगों को गीत के रूप में लिखा गया।
3.दोहावली: भगवान राम के चरित्र का दोहा छंदों में वर्णन।
4.विनय पत्रिका: यह भी ब्रज भाषा में रचित है और इसमें तुलसीदास ने ईश्वर से अपनी विनती व्यक्त की है।
5.अन्य: जानकी मंगल, पार्वती मंगल आदि।
साहित्यिक महत्व
1.भक्तिकाल के कवि: तुलसीदास भक्ति काल के प्रमुख कवि माने जाते हैं।
2.भाषा: उन्होंने ब्रज और अवधी, दोनों भाषाओं पर समान अधिकार के साथ रचनाएँ कीं।
3.सांस्कृतिक प्रभाव: उनकी रचनाओं में भक्ति, नैतिकता, मर्यादा और करुणा का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। उन्होंने रामचरितमानस के माध्यम से जन-जन तक भक्ति और धर्म को पहुंचाया और हिंदी को एक साहित्यिक भाषा के रूप में स्थापित किया।
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