दिल्ली से चुलकाना धाम //PANIPAT..संपूर्ण जानकारी//CHULKANA DHAM//KHATUSHYAMJI by road
Автор: Life a travel vlog
Загружено: 2025-08-03
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कलियुग का सर्वश्रेष्ठ तीर्थ स्थान माना जाता है, क्योंकि यह स्थान एक पवित्र स्थल माना जाता है और भगवान खाटू श्याम जी ने भगवान कृष्ण को अपना शीश दान किया था और इसी चुलकाना गांव में बसे थे।चुलकाना धाम, हरियाणा के पानीपत जिले में समालखा के पास स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर महाभारत काल से जुड़ा है और वीर बर्बरीक (जिन्हें खाटू श्याम के नाम से भी जाना जाता है) से संबंधित है। मान्यता है कि बर्बरीक ने महाभारत युद्ध में जाने से पहले यहां अपना शीश भगवान कृष्ण को दान किया था.
चुलकाना धाम का इतिहास:
महाभारत काल से संबंध:
चुलकाना धाम का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है। कहा जाता है कि पांडवों के भीम और दैत्य पुत्री कामकटंकटा के पुत्र बर्बरीक ने यहां अपना शीश दान किया था.
पीपल के पेड़ का रहस्य:
चुलकाना धाम में एक प्राचीन पीपल का पेड़ है, जिसके पत्तों में आज भी एक बाण से छेद होने के निशान देखे जा सकते हैं। मान्यता है कि यह छेद बर्बरीक ने ही किए थे.
चुलकाना धाम में क्या देखें:
श्याम मंदिर:
यहां बाबा श्याम का प्राचीन मंदिर है, जहां भक्त दर्शन और पूजा-अर्चना करते हैं.
पीपल का पेड़:
मंदिर परिसर में मौजूद पीपल का पेड़, जिसके पत्तों में छेद हैं, एक प्रमुख आकर्षण है.
मेला:
चुलकाना धाम में एकादशी और द्वादशी के दिन मेला लगता है. चुलकाना धाम क्यों जाएं:
धार्मिक महत्व:
यह स्थान धार्मिक आस्था और श्रद्धा का केंद्र है, जहां भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं.
ऐतिहासिक महत्व:
चुलकाना धाम का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है, जो इसे एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल बनाता है.
मनोकामना पूर्ति:
मान्यता है कि यहां बाबा श्याम के दर्शन और पूजा-अर्चना से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
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