Sant Kabir Sahib Ji | Bhajan Pravachan | Sangat Ke Beech Divya Updesh | Kabir Ke Dohe
Автор: GDM Keertan
Загружено: 2025-11-29
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Описание:
इस भजन में संत कबीर साहिब जी के दिव्य दोहे, प्रेम, सत्य और जीवन के ज्ञान से भरपूर हैं।
कबीर साहिब की वाणी सिखाती है —
ना लोभ, ना अहंकार…
जीवन का मार्ग केवल प्रेम, विनम्रता और सच्चे धर्म में है।
भजन में शामिल हैं:
🌿 साईं इतना दीजिए
🌿 बड़ा हुआ तो क्या हुआ
🌿 संगत कीजे साधु की
🌿 पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ
🌿 जब मैं था तब हरि नहीं
🌿 तिनका कबहूँ न निंदिये
🌿 निंदक नियरे राखिए
🌿 काल करे सो आज कर
🌿 धीरे धीरे रे मना
🌿 मन का मनका फेर
🌿 मोको कहा ढूंढे रे बंदे
यह भजन संत कबीर की उस भावना को दर्शाता है जिसमें वे बताते हैं कि
ईश्वर बाहर नहीं… हमारे अंदर है।
🙏 संत कबीर साहिब जी की वाणी का रस पिये
🙏 प्रेम, सत्य, सद्भाव और भक्ति से जीवन भरें
🙏 सत्संग हमेशा फल देता है
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