पितृ पक्ष में मातृ नवमी श्राद्ध की पूजा विधि | मात्रा नवमी श्राद्ध विधि | Matra Navami Shradh Vidhi
Автор: Vrat Katha | व्रत कथा
Загружено: 2017-07-12
Просмотров: 3061
Описание:
पितृपक्ष पूजा विधि
मातृ नवमी अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को पड़ती है। मातृ नवमी माता के श्राद्ध का शास्त्रीय विधान है। इस दिन दिवंगत माताओं, बहुओं और बेटियों का पिंडदान किया जाता है जिनकी मृत्यु सुहागिन के रूप में हुई हो. इसे मातृ नवमी श्राद्ध कहते हैं। इस तिथि पर पुत्रवधू स्त्रियों को भोजन कराना पुण्यकारी होता है। मान्यता है कि मातृ नवमी के दिन मृत स्त्रियों को प्रणाम करने, भोजन कराने, दान-पुण्य करने और सुहाग की सामग्री चढ़ाने से सुहागन का आशीर्वाद बना रहता है।
मातृ नवमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। फिर वस्त्र धारण कर पितरों के श्राद्ध कर्म की तैयारी करें। इस दिन विधि-विधान से पितरों के श्राद्ध पूजन के लिए सबसे पहले सफेद मेज या चौकी पर दिवंगत महिला की तस्वीर स्थापित करें। अगर उनकी तस्वीर ना हो तो पूजा स्थल पर एक सुपारी रख दें।
Pitru Paksha Matra Navami, Pitru Paksha Matri Navami, vrat katha,vrat katha in hindi,Ayurveda,health,Indian medicine,home remedies,relationships advice,Vastu Tips,vastu shastra,vastu,vastu dosh remedies,free vastu tips,vastu dosh,vastu tips in hindi,wellness tips,vastu tips for home,vastu tips for money,vastu tips harmony,Good Luck Tips,astrologer,astrology in hindi,astrology today,Greatest Astrology,desi totke,Matra Navmi,Aashvin Mah,Kwaar Mah, Mother Navami Shradh
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: