लंबितवाद का सिद्धांत और कपटपूर्ण अंतरण भूमि विधि 🇮🇳 पार्ट-3 1 LLB 4th Sem, Paper 3rd
Автор: Easy Notes.. Dr RMLAU अयोध्या
Загружено: 2025-08-24
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भूमि विधि (𝗣𝗿𝗼𝗽𝗲𝗿𝘁𝘆 𝗟𝗮𝘄 𝗜𝗜 ) पार्ट-3 1 LLB 4th Sem, Paper 3rd RMLAU & allahabad Cla notes
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प्रश्न.... लंबितवाद का सिद्धांत क्या है ? इस सिद्धांत की आवश्यक बातों का वर्णन कीजिए
प्रश्न..... कपटपूर्ण अंतरण क्या है ? क्या ऐसे अंतरण शून्य है ? कपाट का तर्क कौन उठा सकता है ?
उत्तर..... 1 👉🏽👉🏽 लंबितवाद का सिद्धांत एक कानूनी सिद्धांत है जो न्यायालयों में मामलों के निपटारे में देरी को रोकने और न्याय की गति को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। इस सिद्धांत के अनुसार, यदि कोई मामला लंबे समय से न्यायालय में लंबित है और इसमें कोई वैध कारण नहीं है, तो न्यायालय को मामले का निपटारा करने के लिए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।
लंबितवाद के सिद्धांत की आवश्यक बातें:
1. *न्याय की गति*: लंबितवाद का सिद्धांत न्याय की गति को बढ़ाने के लिए है, ताकि मामलों का निपटारा जल्दी से हो सके।
2. *लंबित मामलों का निपटारा*: इस सिद्धांत के अनुसार, न्यायालय को लंबित मामलों का निपटारा करने के लिए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।
3. *वैध कारण*: यदि कोई मामला लंबित है, तो न्यायालय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसमें कोई वैध कारण है या नहीं।
4. *न्यायालय की जिम्मेदारी*: लंबितवाद के सिद्धांत के अनुसार, न्यायालय की जिम्मेदारी है कि वह मामलों का निपटारा करने के लिए त्वरित कार्रवाई करे।
5. *न्याय की गुणवत्ता*: इस सिद्धांत के अनुसार, न्यायालय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्याय की गुणवत्ता बनाए रखी जाए, जबकि मामलों का निपटारा किया जा रहा हो।
लंबितवाद के सिद्धांत के लाभ:
1. *न्याय की गति में वृद्धि*: लंबितवाद के सिद्धांत से न्याय की गति में वृद्धि होती है, जिससे मामलों का निपटारा जल्दी से हो सकता है।
2. *न्यायालयों पर बोझ कम*: इस सिद्धांत से न्यायालयों पर बोझ कम होता है, जिससे वे अधिक मामलों का निपटारा कर सकते हैं।
3. *न्याय की गुणवत्ता में सुधार*: लंबितवाद के सिद्धांत से न्याय की गुणवत्ता में सुधार होता है, क्योंकि न्यायालय को मामलों का निपटारा करने के लिए अधिक समय और ध्यान देना पड़ता है।
निष्कर्ष:
लंबितवाद का सिद्धांत न्यायालयों में मामलों के निपटारे में देरी को रोकने और न्याय की गति को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। इस सिद्धांत के अनुसार, न्यायालय को लंबित मामलों का निपटारा करने के लिए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए और न्याय की गुणवत्ता बनाए रखनी चाहिए।
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