"Luna 25 Crashed" Russian Luna 25 Crashed on moon
Автор: Epic moment
Загружено: 2023-08-20
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चंद्रयान 2, लूना 25... चांद पर उतरना क्यों है मुश्किल? एक गलती से पूरा मिशन हो जाता है फेल
Luna 25 Crashed on Moon: चांद धरती से जितना समतल दिखाई देता है उतना है नहीं। इस पर मौजूद क्रेटर बेहद गहरे हैं। इसके साथ ही बड़े-बड़े क्रेटर के अंदर छोटे-छोटे क्रेटर मौजूद हैं। इसके कारण यहां पर लैंडिंग बेहद मुश्किल हो जाती है। आइए जाने कि चांद पर लैंडिग मुश्किल होने के
कि चांद पर लैंडिंग इतनी कठिन क्यों है?
चांद पर एक बार फिर उतरने के लिए भारत ने चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया है। चंद्रयान-3 का लक्ष्य चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है। क्योंकि अब इस रेस से लूना-25 पूरी तरह से हट चुका है, ऐसे में अगर चंद्रयान-3 सफल लैंडिंग कर लेता है तो भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर जाने वाला पहला देश बन जाएगा। चांद के दक्षिणी ध्रुव को सबसे कठिन इलाकों में से एक माना जाता है। ऐसे में यहां पर लैंडिंग इतनी आसान नहीं होने वाली।
चांद पर उतरना क्यों है कठिन
चांद पर उतरने के लिए एक साथ कई चीजों का सटीक होना जरूरी है। चांद पर उतरने के लिए पिनपॉइंट नेविगेशन गाइडेंस, सटीक फ्लाइट डायनामिक्स, एक समतल जगह की जानकारी, सटीक समय पर थ्रस्टर का चलना और सही समय पर थ्रस्टर की गति को कम करना शामिल होता है। इनमें से अगर किसी भी चीज में समस्या होती है तो पूरा मिशन फेल हो सकता है। चांद पर जब भी कोई स्पेसक्राफ्ट उतरता है तो वह एक तरह से गिर रहा होता है। लेकिन एकदम सीधा थ्रस्टर चलाना गिरने की स्पीड को कम कर देता है।कैसे होती है लैंडिंग
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि जब लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाता है तो यह धीरे-धीरे चांद की सतह के करीब जाने लगता है। इस दौरान उसके नीचे जाने और निर्धारित दिशा की ओर साइड में जाने को कंट्रोल किया जाता है। सॉफ्ट लैंडिंग के लिए लैंडर की गति तीन मीटर प्रति सेकंड तक कम करने की जरूरत होती है। इस गति के लिए थ्रस्टर इंजन चालू किया जाता है। इसी साल जापान का हकुतो-आर लैंडर गलत गणना के कारण समय पर धीमा नहीं हो सका, जिसके कारण वह चांद की सतह पर क्रैश हो गया।
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