देव उठनी एकादशी व्रत कथा 2025।। Dev Uthani Ekadashi Vrat Katha 2025।। आज के दिन जरूर सुने ।1 नवम्बर
Автор: Swastik parivar
Загружено: 2025-11-01
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🙏 जय श्री विष्णु 🙏
हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देव उठनी एकादशी (जिसे प्रबोधिनी एकादशी, देवउठनी ग्यारस या हरिप्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है) बड़े ही हर्ष और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्री विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागृत होते हैं और पुनः सृष्टि संचालन का कार्य प्रारंभ करते हैं।
2025 में देव उठनी एकादशी का व्रत 1 नवम्बर 2025, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन का धार्मिक और पौराणिक महत्व अत्यंत अधिक है क्योंकि इसी दिन से शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत होती है, विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण संस्कार जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ किए जा सकते हैं। 🌼
🌺 देव उठनी एकादशी का महत्
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक भगवान विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में रहते हैं। इस अवधि को चतुर्मास कहा जाता है।
इन चार महीनों के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता।
जब कार्तिक शुक्ल एकादशी आती है, तो भगवान विष्णु नींद से जागते हैं, इसलिए इस दिन को देवउठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है।
इस दिन प्रातः काल स्नान कर, व्रत रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से असीम पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से सहस्र अश्वमेध यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। 🌞
🌼 देव उठनी एकादशी पूजा विधि
🕉️ प्रातःकाल जल्दी उठें, स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
🕯️ पूजन स्थल को स्वच्छ कर, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
🌿 तुलसी के पौधे को भी पूजा में शामिल करें।
🍚 भगवान को तुलसीदल, पंचामृत, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें।
📿 “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
🌸 रात को जागरण करें और भगवान की कथा सुनें।
देव उठनी एकादशी की रात तुलसी विवाह की तैयारी भी की जाती है। इस दिन तुलसी और शालिग्राम (भगवान विष्णु) का विवाह किया जाता है।
🌷 देव उठनी एकादशी व्रत कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु निरंतर सृष्टि संचालन के कार्य से थक गए, तब उन्होंने क्षीरसागर में चार महीने की योगनिद्रा ली। उनके निद्रा में जाने के बाद देवताओं के कार्य ठप पड़ गए। चार महीने बाद जब कार्तिक शुक्ल एकादशी आई, तब ब्रह्मा, शिव और सभी देवताओं ने मिलकर भगवान विष्णु को जगाने के लिए भजन कीर्तन किए।
भक्तों की पुकार सुनकर भगवान विष्णु जागृत हुए और कहा — “आज के दिन से पुनः सभी मांगलिक कार्य आरंभ होंगे।”
इस प्रकार यह दिन देव जागरण का प्रतीक बन गया।
कहा जाता है कि जो भक्त इस दिन भगवान विष्णु का व्रत करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
🌼 तुलसी विवाह और देव उठनी एकादशी का संबंध
देव उठनी एकादशी के दिन ही तुलसी विवाह की शुरुआत होती है। तुलसी जी को विष्णु जी की पत्नी कहा गया है। भगवान विष्णु जब जागते हैं, तब तुलसी जी से उनका विवाह कराया जाता है। यह विवाह अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है।
घर में तुलसी विवाह कराने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। 🌿
🌺 देव उठनी एकादशी का पुण्य फल
🌞 जो भक्त इस दिन व्रत रखता है, वह समस्त दुखों और पापों से मुक्त होता है।
🌿 जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
🌷 विवाह, संतान, धन और स्वास्थ्य से संबंधित सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
🕉️ पूर्वजों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।
🌸 देव उठनी एकादशी से जुड़े प्रमुख तथ्य
1️⃣ इस दिन भगवान विष्णु जागते हैं, इसलिए इसे देव जागरण दिवस भी कहा जाता है।
2️⃣ इस दिन से सभी शुभ कार्य शुरू किए जा सकते हैं।
3️⃣ तुलसी विवाह की शुरुआत भी इसी दिन होती है।
4️⃣ भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है।
5️⃣ इस दिन व्रत रखने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
🌿 देव उठनी एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त
🗓️ तिथि प्रारंभ: 31 अक्टूबर 2025, रात्रि 08:15 बजे
🗓️ तिथि समाप्त: 1 नवम्बर 2025, रात्रि 06:45 बजे
🌅 एकादशी व्रत एवं पूजा का दिन: 1 नवम्बर 2025, शनिवार
पारण का समय: 2 नवम्बर प्रातः 06:35 से 08:55 तक
🌸 देव उठनी एकादशी व्रत के नियम
✅ व्रत के दौरान सात्विक आहार ग्रहण करें।
🚫 लहसुन, प्याज, मांसाहार और मदिरा का सेवन न करें।
🕯️ पूरे दिन भगवान विष्णु के भजन कीर्तन करें।
📿 व्रत का समापन अगले दिन पारण करके करें।
🌷 देव उठनी एकादशी व्रत का लाभ
✨ जीवन में शुभता और समृद्धि आती है।
✨ विवाह में आ रही रुकावटें समाप्त होती हैं।
✨ स्वास्थ्य और मन की शांति प्राप्त होती है।
✨ पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
✨ पारिवारिक सुख-शांति बनी रहती है।
🌼 देव उठनी एकादशी 2025 विशेष संदेश
🙏 इस पावन अवसर पर सभी भक्तों से अनुरोध है कि वे इस दिन व्रत अवश्य करें, भगवान विष्णु की कथा सुनें और परिवार के साथ तुलसी विवाह में सम्मिलित हों।
देव उठनी एकादशी के दिन जो भक्त सच्चे मन से भगवान का नाम लेता है, उसके जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। 🌸
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