उत्तर रामायण - EP 7 - काकभुशुण्डि का गरुड़ को राम लला का वर्णन। सीता के गर्भवती होने पर संत संगमन।
Автор: Ramayan
Загружено: 2024-11-29
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Uttar Ramayan - Episode 7 - Kakbhushundi's description of Ram Lalla to Garuda | Saint Sangaman when Sita is pregnant.
नीलगिरी पर्वत पर विराजमान काकभुशुण्डि जी पक्षीराज गरुड़ से कहते हैं कि महर्षि वाल्मीकि आज से रामायण का लेखन करने जा रहे हैं। वह इस प्रकार रामायण की रचना करें कि फिर कोई प्राणी भगवान विष्णु के नाना रूपों को देखकर शंका न पड़े जैसे वह स्वयं एक बार शंकाग्रस्त हो गये थे। गरुड़ उनसे अपने अनुभव सुनाने को कहते हैं। तब काकभुशुण्डि जी कहते हैं कि प्रभु राम के बाल्यकाल में वे प्रायः उनके पास जाते थे। बालक राम का जूठा भोजन अपनी चोंच से झपटकर खा लिया करते थे। राम उन्हें अपने नन्हे हाथों से पकड़ने का प्रयन्त करते किन्तु वे प्रभु के हाथ न लगते। यह दृश्य देखकर आकाश से नारद मुनि काफी आनन्दित होते थे। भगवान और काक के बीच यह खेल हमेशा होता रहता था। एक बार काक बालक राम के हाथ से रोटी छीनने में सफल रहते हैं। इस पर राम रूठकर रोने लगते हैं। तब काक को लगता है कि इस भाँति रोने वाला यह बालक भगवान कैसे हो सकता है। काक वहाँ से उड़ जाते हैं लेकिन वो मुड़कर देखते हैं कि बालक राम रोते हुए आकाश मार्ग से लगातार उनके पीछे आ रहे हैं। पूरी दुनिया का चक्कर लगाने के बावजूद जब काक बालक राम से पीछा नहीं छुड़ा पाते तो वह उनके चरणों में आ गिरते हैं। तब भगवान विष्णु अपने चतुर्भुज रूप में उन्हें दर्शन देते हैं और वरदान में बल, बुद्धि, ऐश्वर्य अथवा कुछ भी माँग लेने को कहते हैं। काक के नेत्रों से नीर बह निकलता है। वह प्रभु से अक्षय भक्ति का वरदान माँगते हैं। भगवान विष्णु काकभुशुण्डि जी को महाप्रलय में भी नश्वर रहने और उनके सगुण व निर्गुण दोनों रूपों से परिचित होने का वरदान देते हैं। गरुड़ को रामकथा सुनाते हुए काकभुशुण्डि जी अपने दिव्य मानस शक्ति से देखते हैं कि अयोध्या की तीनों राजमाताएं कामरूप देश में ऋंग ऋषि के आश्रम में पहुँच चुकी हैं। ऋषिवर उनसे कहते हैं कि वे तीनों तीर्थयात्रा कर रही हैं किन्तु अभी भी वे अयोध्या में अपने पुत्रों के मोह में बँधी हुई है। वे दादी बनने की लालसा रखे हुए हैं। ऋषि उन्हें बताते हैं कि उनकी पुत्रवधू सीता गर्भवती हैं और एक योग्य पुत्र को जन्म देंगी। माताएं राम व सीता को आशीर्वाद प्रेषित करती हैं। राम को ऋषि ऋंग द्वारा सीता का गर्भ संस्कार कराने का सन्देश भी मिलता है। महर्षि वाल्मीकि भी राम से मिलते हैं और बताते हैं कि अयोध्या में चारों दिशाओं से ऋषियों व मुनियों का संगमन हो रहा है। राम धर्मसभा के आयोजन की तैयारियों का आदेश देते हैं। वाल्मीकि कहते हैं कि गर्भस्थ शिशु में संस्कार डालने के लिये सीता धर्म सभा में उपस्थित रहें। वाल्मीकि के मानस में भी संत संगमन की सूचना पहुँचती है।
उत्तर रामायण में लव कुश की कहानी को दर्शाया गया है। जिसमें माँ सीता को श्री राम त्याग देते हैं और माँ सीता महाऋषि वाल्मीकि के आश्रम में जाकर रहने लगती हैं। माँ सीता वहाँ लव कुश को जन्म देती हैं। लव कुश उसी आश्रम में बड़े होते हैं और गुरु वाल्मीकि से शिक्षा दीक्षा लेते हैं। कैसे लव कुश श्री राम और माँ सीता को मिलाते हैं देखे सम्पूर्ण उत्तर रामायण के सभी एपिसोड सिर्फ़ तिलक YouTube चैनल पर।
रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी।
इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है।
निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर
सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर
कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर
मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर
पटकथा और संवाद - रामानंद सागर
संगीत - रविंद्र जैन
शीर्षक गीत - जयदेव
अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा
संपादक - सुभाष सहगल
कैमरामैन - अजीत नाइक
प्रकाश - राम मडिक्कर
साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र
वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार
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