अवधपुरी में धूम मची है। राम आगमन गीत। श्री राम भजन। शशि यादव मंजरी। शशि यादव।
Автор: Shashi Yadav" मंजरी "
Загружено: 2025-10-19
Просмотров: 268
Описание:
Singer & Lyrics -Shashi yadav manzri
#shashiyadavmanzri #shashiyadav #geet #song #rambhajan #ramaagmangeet #trendingreels #trendingshorts #trending #ramaagmangeet #ramgeet
Diwali 2025 Kab Hai: दीप, रोशनी और खुशियों का पर्व दीपावली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
अमावस्या 20 अक्टूबर 2025 को अपराह्न 3:44 बजे शुरू होगी और 21 अक्टूबर 2025 को शाम 5:54 बजे समाप्त होगी , जो अमावस्या का चरण होगा और आध्यात्मिक साधना और प्रसाद के लिए एक महत्वपूर्ण समय होगा ।
दिवाली कई कारणों से मनाई जाती है, जिनमें सबसे मुख्य हैं भगवान राम का 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटना, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसके अलावा, यह धन की देवी लक्ष्मी और गणेश की पूजा का भी अवसर है, और जैन धर्म में यह भगवान महावीर के निर्वाण का स्मरणोत्सव है।
मुख्य कारण
भगवान राम का अयोध्या आगमन: रामायण के अनुसार, भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में पूरे शहर को दीपों से रोशन कर दिया था, जिससे इस परंपरा की शुरुआत हुई।
अंधकार पर प्रकाश की विजय: दिवाली का त्योहार "अंधकार पर प्रकाश की विजय" का प्रतीक है। दीपावली का नाम 'दीपों की पंक्ति' से आया है।
लक्ष्मी और गणेश की पूजा: इस दिन देवी लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी, और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। गणेश की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि बिना विवेक के धन का उपयोग व्यर्थ है।
भगवान महावीर का निर्वाण: जैन धर्म में, दिवाली को भगवान महावीर के निर्वाण (मोक्ष) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उनके अंतिम उपदेशों का स्मरण कराता है और ज्ञान की प्राप्ति को दर्शाता है।
नरकासुर वध: एक और कथा के अनुसार, यह भगवान कृष्ण द्वारा राक्षस नरकासुर के वध के उपलक्ष्य में भी मनाई जाती है।
अमावस्या पर शुभ लक्ष्मी पूजा मुहूर्त शाम 7:21 बजे से रात 8:19 बजे तक रहेगा , तथा प्रदोष काल शाम 5:51 बजे से रात 8:19 बजे के बीच रहेगा , जिससे यह अनुष्ठान और प्रार्थना करने के लिए आदर्श समय होगा, जैसा कि द्रिक पंचांग में बताया गया है।
अमावस्या 20 अक्टूबर 2025 को अपराह्न 3:44 बजे शुरू होगी और 21 अक्टूबर 2025 को शाम 5:54 बजे समाप्त होगी , जो अमावस्या का चरण होगा और आध्यात्मिक साधना और प्रसाद के लिए एक महत्वपूर्ण समय होगा ।
अमावस्या पर शुभ लक्ष्मी पूजा मुहूर्त शाम 7:21 बजे से रात 8:19 बजे तक रहेगा , तथा प्रदोष काल शाम 5:51 बजे से रात 8:19 बजे के बीच रहेगा , जिससे यह अनुष्ठान और प्रार्थना करने के लिए आदर्श समय होगा।
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: