जड़भरतजी का उपदेश राजारहूगण को | भाग-06| श्रीमदभागवतम-05| समर्पण कार्यक्रम | प्रेमधारा माताजी |
Автор: Premdhara
Загружено: 2020-12-03
Просмотров: 1136
Описание:
श्रीमदभागवतम के पांचवे सकन्ध में वर्णित राजाभरत जिन्होंने भजन में बड़े से बड़े मोह का त्याग किया लेकिन अंत में एक हिरन की आसक्ति के कारण हिरण योनी प्राप्त हुई और उन्होंने पश्चताप किया भगवान की कृपा से अगला जन्म जड़भरत जी का हुआ उन्होंने जड़ के तरह व्यवहार किया लेकिन उन्होंने ही राजा रहूगण पर कृपा कर के भवाटवी का उपदेश दिया अर्थात संसार रूपी घना जंगल जो की अंधकारमय है जहां पर सुख रूपी प्रकाश पाने के लिए जीव यहाँ से वहाँ दौड़ता रहता है और परम कृपालु भगवान की शरण नहीं लेता और यही तड़प-तड़प कर अपने प्राणों का त्याग देता है इसी भवाटवी का वर्णन सरल और सरस वाणी में प्रेमधारा माताजी के द्वारा
_____________________________________________________________________
हमें से यहाँ जुड़िये ||
Facebook- / krishnapremdharatrust
Website-http://krishnapremdharatrust.com/
Whatsapp-9193278889(अपने सवालो के यहाँ सम्पर्क करे )
Telegram-प्रेमधारा माताजी (रोजाना उनके प्रवचन के ऑडियो के लिए )
Play store App- https://play.google.com/store/apps/de...
___________________________________________________________________
कालिय दमन रेडियो प्रोग्राम - • Kaliya Daman
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: