अपमान एक्सीलेरेशन बना! राहु के साथ दसवें भाव में बैठा योगकारक मंगल, एक अनपढ़ लड़के को कैसे बना गया श
Автор: AstroLens: Clarity By Mukul Trehan
Загружено: 2025-11-19
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ग्रहों की चाल कितनी अचूक हो सकती है, इसका जीता-जागता उदाहरण प्रस्तुत है। कुंडली में योगकारक मंगल का दसवें भाव में, वह भी राहु के सान्निध्य में होना, किस तरह एक अनपढ़ ग्रामीण लड़के के जीवन को पूरी तरह पलट देता है? अपमान की आग ने यहाँ गतिवर्धक (एक्सीलेरेशन) का काम किया, जिसने उस व्यक्ति को अल्प समय में ही एक सफल उद्यमी बना दिया। यह प्रकरण स्पष्ट करता है कि सही ग्रह स्थिति में, संघर्ष को सफलता की सीढ़ी बनने से कोई नहीं रोक सकता। योगकारक कैसे आपकी कुंडली में उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है, इसे समझने के लिए यह विश्लेषण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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