लवणासुर द्वारा शिव लिंग और शिव जी के त्रिशूल की पूजा-अर्चना करना | Ramayan | श्रावण मास कथा
Автор: Tilak
Загружено: 2025-08-10
Просмотров: 19432
Описание:
एक दिन मधु दैत्य के पुत्र व मधुरा के राजा लवणासुर के अत्याचारों से क्षुब्ध होकर कुछ ऋषि मुनि अयोध्या के राजसभा में सहायता माँगने श्री राम के पास आते है और उन्हें बताते है कि लवणासुर प्रति दिन बहुत से ऋषि-मुनियों का खा जाता है। उसके भय से मुक्त कराने के लिए उन्होंने कई राजाओं से अभय की भिक्षा माँगी, परंतु किसी ने कोई सहायता नहीं की। क्योंकि उसके पास जो शिव जी का त्रिशूल है, उससे सभी डरते है। श्री राम के द्वारा त्रिशूल के विषय में प्रश्न करने पर ऋषि बताते है कि वह त्रिशूल उसके पिता मधु को भगवान शिव ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर अपने त्रिशूल से एक और त्रिशूल का निर्माण कर प्रदान किया और कहा जब तक उसके हाथ में त्रिशूल हो रहेगा, तब तक शत्रु का कोई अस्त्र या शस्त्र उसको स्पष्ट भी नहीं कर सकेगा और शत्रु का भस्म कर देगा। मधु के राज्य छोड़ कर जाने के पश्चात यह त्रिशूल अत्याचारी लवणासुर के पास आ गया, जिसके भय से कोई उससे टक्कर नहीं ले सकता। एक बार आपके वंशज मांधाता ने भी लवणासुर के राज्य पर आक्रमण किया था, लेकिन उस त्रिशूल के बल पर लवणासुर ने मांधाता को परास्त कर दिया था। अपने पिता मधु की तरह लवणासुर भी भगवान शिव जी का परम भक्त है और उसने प्रतिदिन वह शिव लिंग की विधिवत पूजा करने के साथ ही उस त्रिशूल की पूजा-अर्चना करता है।
श्रावण मास (सावन का महीना) केवल वर्षा का नहीं, भक्ति, भावनाओं और सौंदर्य का महीना है। इस मास के प्रारम्भ होते ही धरती रिमझिम बारिश से सराबोर होकर हरियाली की चादर ओढ़ लेती है, लगता है जैसे भीनी-भीनी मिट्टी की सुगंध से भरी हुई प्रकृति स्वयं परम आराध्य भगवान शिव शंकर का स्वागत कर रही हो। मंदिरों के घंटे से निकलती धुनें और “हर-हर महादेव” की गूंज वातावरण को भक्तिमय बना देती है। सावन के सोमवार के दिन शिवालयों में शिव भक्तों द्वारा जल, बेल पत्र, दूध और धतूरा और काँवड़ियों द्वारा कोसों दूर से जल लाकर शिव लिंग पर अर्पण करना, भगवान शिव के प्रति उनकी आस्था और समर्पण का प्रतीक हैं। श्रावण मास में भक्त मंदिरों के अलावा अपने घरों में भी रुद्राभिषेक का आयोजन करते है। महिलाओं के लिए यह मास सौंदर्य, श्रृंगार और त्योहारों का प्रतीक होता है। वे मनपसंद फल की कामना से सोलह सोमवार का व्रत रखती है, मेहँदी लगाती हैं, झूले झूलती हैं और लोकगीत गाती हैं। इस प्रकार श्रावण केवल एक मास नहीं, बल्कि आस्था, भक्ति और प्रकृति के सौंदर्य का उत्सव है। आपके प्रिय धार्मिक चैनल तिलक ने आपके लिए भगवान शिव शंकर को समर्पित श्रावण मास विशेष संस्करण संकलित किया है, भक्ति भाव से आनन्द ले और तिलक से जुड़े रहे।
#shravanmaas #shivbhakti #ramayan #shivanritya #shriram #devotionalscene #spiritualvibes #hindumythology #sanatandharma #divineconnection #bhaktistory #tandav #rambhakti #vedickatha #mahadev
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: