🌳🙏🏻🌳 🌳🌳🌏🌳🌳🌳🙏🏻🌳शकरखोरा या परपल सनबर्ड या फुलचुसी ( Nectarinia asiatica) गौरैया संरक्षण
Автор: Nirmal Kumar Sharma
Загружено: 2019-03-09
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🌳🙏🏻🌳 🌳🌳🌏🌳🌳🌳🙏🏻🌳शकरखोरा या परपल सनबर्ड या फुलचुसी ( Nectarinia asiatica) गौरैया संरक्षण ,Sparrow Conservation 10-3-19
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शकरखोरा या फुलचुसी ( Nectarinia asiatica) नामक एक सुर्ख , अत्यन्त चमकीले , हरे-बैंगनी , रंग की अत्यन्त खूबसूरत चिड़िया जो,गौरैया से भी छोटी ,जो आज मेरे छत की बगिया में आई थी ,उसका ही यह एक छोटी सी वीडियो देखें , यह विडिओ और बड़ी बनाना चाहते थे ,परन्तु वे अचानक फुर्र से भाग गईं , इतना ही फिल्मा सका , इतना ही देखिए और आनन्द लिजिए ।
आपको पता है, संसार भर में सबसे नन्हीं चिडिया कौन सी होती है? "हमिंग बर्ड" हाँ ! , हमिंग बर्ड , ही संसार का सबसे छोटा पक्षी होता है और सनबर्ड जो हमिंग बर्ड के परिवार की ही चिडिया है, जरा उससे बड़ी होती है। यूँ तो सनबर्डस कई प्रकार और कई रंगों की होती हैं। पर मैं जिस सनबर्ड से आपको मिलवा रहा हूँ वह आपने कई बार अपने घर के आस-पास देखी होगी और इसके "नर' प्रजननकाल में बहुत ही सुन्दर , गहरे रंग चमकीले हरे- बैंगनी आभायुक्त रंग के, इस चिड़िया ने आपको आकर्षित भी जरूर किया होगा।
इसे हिन्दी में "शकरखोरा" और "फुलचुकी" और अंग्रेजी में ( Nectarinia asiatica) कहते हैं और इसका वैज्ञानिक नाम नैक्टरीनिया ऐशियाटिका है। इसके नामों से आपको अनुमान तो हुआ होगा कि ये नाम क्यों रखे गए? जी हाँ, यह फूलों का पराग मिश्रित मधु चूसती है, यानी नैक्टर।
इसका आकार गोरैया से कुछ छोटा होता है। नर और मादा परपल सनबर्ड आकार में तो एक से होते हैं , पर रंगों में भिन्न होते हैं। नर चमकीला गहरा नीला-जामुनी रंग का होता है जो कि दूर से देखने पर चमकीला काला सा ही दिखाई देता है। इसके कंधों के परों नीचे पीले और लाल रंग के रेशमी पंख होते हैं जिन्हें दिखा कर यह मादा को आकर्षित करता है।इसकी मादा जैतूनी भूरे रंग की होती है। आमतौर पर दोनों साथ रहते हैं।
यह पूरे भारत में सुलभता से दिखाई देने वाली चिड़िया है। यह हरे भरे इलाकों, बाग-बगीचों, खेतों और आपके लॉन तथा खेतों में रहना पसंद करती है।इसका भोजन खासतौर पर तो फूलों का पराग मिश्रित मधु ही है , जिसे यह अपनी पतली तीखी हल्की सी गोलाई में मुडी चोंच से चूसती है। इसकी ट्यूब जैसी चोंच भी फूल चूसने के लिये बनी है। इसकी आश्चर्यजनक रूप से इसकी जीभ इसके शरीर की पूरी लम्बाई के 2/3 भाग तक लम्बी होती है ,ताकि यह अपनी लम्बी जीभ से काफी बड़े और लम्बी नाल वाले फूलों के अन्दर से भी "शहद" को चूस सके । इसके इस क्रिया से फूलों को आपसी परागण में सहायता मिलती है।
वैसे यह कीड़े और मकडियाँ भी खा लेती है।
यह साधारणत: तो "विच-विच" की आवाज निकालती है। पर जब नर परपल सनबर्ड मादा को आकर्षित करने के लिये गाता है तो अपने पंख को हल्का सा उठा कर कंधों के पंखों के नीचे छिपे सुर्ख पीले और लाल रंग के रेशमी पंख दिखाता है और वह बडी मधुर "सी च्वीऽट ऽ ट्वीऽट" की ध्वनि निकालता है।
इसका नीड़ ( घोसला ) बनाने का समय मार्च से मई तक का होता है। यह छोटे पेड़ों ,झाडियों को अपने नीड क़े लिये चुनती है , जो अच्छे से घिरा और सुरक्षित हो। इसका घोंसला "प्याला नुमा" आकार का होता है, जो कि सफाई से घास और रेशों से बनाया जाता है। यह किसी पतली टहनी से लटका हुआ होता है। घोंसला बनाने का काम मादा ही करती है। मादा परपल सनबर्ड एक बार में 2.या 3 अण्डे देती है, जो कि सलेटी और हरे शेड्स के होते हैं। मादा ही अण्डे सेती है।
नर परपल सनबर्ड अण्डों से बच्चों के निकलने के बाद की जिम्मेदारियों में हिस्सा बंटाता है जैसे खिलाना-पिलाना, उड़ना सिखाना आदि-आदि ।
यह विडिओ मैं आज ही प्रातःकाल लगभग 10 बजे अपने ड्राइंग रूम से खिड़की के शीशे के पीछे से बनाया हूँ ।
-निर्मल कुमार शर्मा , " गौरैया संरक्षण " ,प्रताप विहार ,गाजियाबाद फोन नंबर 9910629632 ,10-3-2019
ई मेल [email protected]
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