🌸गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2025: पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व
Автор: Divine Astrology Hub.7
Загружено: 2025-11-06
Просмотров: 13
Описание:
🎉 गणाधिप संकष्टी चतुर्थी – पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, नियम-और-निषेध, और रीति-रिवाज 🎉
आज हम इस पवित्र दिन के बारे में विस्तार से जानेंगे — क्यों मनाया जाता है, कैसे करें पूजा, कब रखें व्रत, क्या करें और क्या नहीं करें — ताकि आपके धर्मकर्म सहज व फलदायी हों।
---
🙏 महत्त्व
“संकष्टी” का मतलब है “संकटों को हरने वाली”। कृष्ण-पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश जी की उपासना की जाती है। खासतौर पर इस माह की चतुर्थी को “गणाधिप संकष्टी चतुर्थी” कहा जाता है।
इस दिन व्रत रखने, गणेश जी की पूजा करने, चंद्रमा को अर्घ्य देने से विघ्न हरने तथा बुद्धि-समृद्धि-शांति की प्राप्ति मानी जाती है।
---
📅 शुभ मुहूर्त
– इस वर्ष (2025) गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 8 नवंबर को है।
– चतुर्थी तिथि का प्रारंभ: 08 नवंबर सुबह 07:32 से।
– चतुर्थी तिथि समाप्त: 09 नवंबर सुबह 04:25 तक।
– चंद्रोदय (चंद्र का उगना) शाम करीब 07:59 बजे। यह अर्घ्य देने व व्रत खोलने के लिए शुभ माना जाता है।
---
🛕 पूजा-विधि
1. दिन की शुरुआत: जल्दी उठें, स्वच्छ स्नान करें, साफ कपड़े पहनें।
2. व्रत संकल्प: हाथ में जल, अक्षत (चावल), फूल लेकर व्रत का संकल्प लें।
3. मंदिर या घर में गणेश जी की मूर्ति/चित्र स्थापित करें। पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें।
4. गणेश जी को अर्पित करें: रोली-चावल, दूर्वा घास, लाल फूल, चंदन, प्रसाद (मोदक, लड्डू) आदि।
5. मंत्र जाप करें: जैसे “ॐ गं गणपतये नमः” आदि।
6. कथा पाठ या सुनें: संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा सुनना शुभ माना जाता है।
7. शाम-को चंद्रमा निकलने पर: चंद्रमा दर्शन करें, उन्हें जल/दूध-अक्षत से अरघ्य दें।
8. व्रत पारण: चंद्र दर्शन व अर्घ्य के बाद व्रत खोलें।
---
✅ क्या करें (Dos)
पूरे दिन धर्म-शुद्ध मन से व्रत रखें।
सात्विक भोजन (फल, दूध, हल्का शाकाहारी) लें।
भूल-चूक करने पर क्षमा प्रार्थना करें, श्रद्धा पूर्वक पूजा करें।
प्रसाद और दान करें — पूजा पश्चात आवश्यकता वालों को मदद देना पुण्यदायी है।
---
❌ क्या न करें (Don’ts)
असत्य बोलना, झूठ बोलना या अनैतिक आचरण करना वर्जित है।
व्रत के दौरान तामसिक भोजन (बहुत भारी, मांसाहारी) या आलस्य/अनियमितता से बचें।
पूजा निर्देशों का हल्के में लेना नहीं चाहिए — भगवन् समेत चंद्रदेव को अर्घ्य देने व चतुर्थी तिथि का ध्यान रखना आवश्यक है।
सारांश
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत-पूजा सिर्फ एक धर्मकर्म नहीं, बल्कि आत्म-शुद्धि, समय-नियंत्रण और ईश्वर-भक्ति का मार्ग है। आज के दिन आप निःस्वार्थ भाव से व्रत रखें, गणेश जी के समक्ष समर्पण करें और चंद्रमा को अर्घ्य दे कर व्रत का पारण करें — ऐसा करने पर जीवन में विघ्न कम होते हैं, बुद्धि-ज्ञान में वृद्धि होती है, तथा आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
🙏 आपका यह व्रत मंगलमय हो, गणेश जी की कृपा सदैव आपके साथ बनी रहे।
---
#गणाधिपसंकष्टीचतुर्थी #संकष्टीचतुर्थी #गणेशव्रत #गणेशपूजा #गणाधिप #विघ्नहरण #व्रतविधि #मोडक #चंद्रमा #हिन्दूत्योहार #GanadhipaSankashtiChaturthi #SankashtiChaturthi #GaneshPuja #FastForGanesh #MoonArghya
Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2025
Sankashti Chaturthi 2025
Ganadhipa Sankashti Chaturthi Puja Vidhi
Ganadhipa Sankashti Chaturthi Vrat Katha
Ganadhipa Sankashti Chaturthi Muhurat
Ganadhipa Sankashti Chaturthi Date and Time
Sankashti Chaturthi Puja
Sankashti Chaturthi Vrat Rules
Ganesh Puja 2025
Ganesh Chaturthi Vrat
Ganadhipa Chaturthi Puja Vidhi
Ganesh Ji Vrat Katha
Sankashti Chaturthi 2025 Ka Mahatva
Hindu Festival 2025
Chandroday Time 2025
Sankashti Chaturthi Rituals
#गणाधिपसंकष्टीचतुर्थी
#GanadhipaSankashtiChaturthi
#SankashtiChaturthi
#GaneshPuja
#GaneshVrat
#GaneshMantra
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: