दांतों के कीड़े का इलाज | Treatment Of Tooth Decay
Автор: Smile Openly With Dr poonam
Загружено: 2023-09-04
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दांतो की सबसे कॉमन समस्या में से एक है दांतो में कीड़े लगना। आज हम इस आर्टिकल में दांतो के कीड़े कैसे निकाले जाते है यानी इसका क्या ट्रीटमेंट होता है , ये सब जानेंगे।
दांतो के कीड़े क्या होते है ?
ये कीड़े डॉक्टर कैसे निकालते है इस से पहले ये जानते है की ये होता क्या है ?क्या सचमुच दांत में चलने वाले कीड़े होते है ? तो आप सबसे पहले ये जान लीजिये की दांतो में कोई भी चलने वाले कीड़े नहीं होते है अगर आपसे कोई ऐसा दावा करता है की आपके दांत से कीड़े निकाल देंगे तो ये एकदम गलत दावा है , ऐसे लोग सिर्फ आपको बेवकूफ बनाते है और पैसा लूट ते है। ऐसे लोगो से बचे। एक्चुअल में जब दांत की सबसे ऊपरी लेयर नष्ट हो जाती है तो वहा पे छोटे छोटे छेद हो जाते है उसी को दांतो की कैविटी , दांतो की सड़न या फिर दांतो के कीड़े कहा जाता है।
दांत है वो तीन लेयर्स से बनता है -
इनेमल
डेंटिन
पल्प
इनेमल दांत की सबसे ऊपरी परत होती है,ये हार्ड होती है और यह दांतो की बाहरी चीजों से रक्षा करती है। इनेमल के नीचे की परत डेंटिन होती है , यह सॉफ्ट होती है। डेंटिन के नीचे की परत को पल्प कहा जाता है और ये पिंक कलर की होती है , यह दांत को ब्लड सप्लाई करने का काम करती है।
कैविटी कैसे होती है ?
यह तब होती है जब कार्बोहाइड्रेट वाला खाना हमारे दांतो पे रह जाता है यानी की जब हम खाना खाते है और वो ब्रश से अच्छे से साफ़ नहीं होता है तो वो दांतो पे चिपक जाता है तो हमारे मुंह में मौजूद बैक्टीरिया उसे एसिड में बदल देते है।
दांतो में अटका हुआ खाना, एसिड, बैक्टीरिया और मुंह की लार ये सब मिलकर प्लाक बनाते है जो की दांतो पे चिपक जाता है। ये प्लाक एसिड में मिलकर इनमेल को नष्ट कर देती है और दांतो में छेद कर देते है जिसको कैविटी या कीड़ा कहते है , शुरुवात में यह छेद बहुत छोटे होते है जो समय के साथ बढ़ते जाते है।
अगर सड़न को समय रहते हुए ना हटाया जाए तो यह बैक्टीरिया बढ़ता जाएगा और एसिड बनाता रहेगा जिस की वजह से कैविटी बढ़ती जायेगी और दांत की अंदरूनी परत पल्प तक पहुंचा जायेगी और दांत में तेज दर्द शुरू हो सकता है।
दांतो के कीड़े लगने के कारण
पुअर ओरल हाइजीन -
अगर मुंह की अच्छे से सफाई नहीं होती है यानी ओरल हाइजीन पुअर है तो बहुत जल्दी दांतो में सड़न शुरू होती है। ओरल हाइजीन का मतलब अच्छे से प्रॉपर तरीके से दांतो को ब्रश करना , रात को सोने से पहले ब्रश करना, रेगुलर फ्लॉस करना। अगर ब्रश अच्छे से नहीं करते है तो दांतो पे चिपका खाना साफ़ नहीं होता है परिणामस्वरूप दांतो में कैविटी हो जाती है।
कार्बोहाइड्रेट वाला खाना -
अगर कार्बोहाइड्रेट वाला खाना जैसे की ब्रेड, अनाज, दूध ,पेप्सी,केक,चॉकलेट्स ,इन सबको अगर अपनी डाइट में ज्यादा शामिल करते है तो दांतो में कैविटी होने के चांसेस बढ़ जाता है।
मीठा ज्यादा खाना -
हमारे दांतो के जो बैक्टीरिया होते है वो शुगर को एसिड में बदल देते है फिर ये लार के साथ मिलकर प्लाक जो की एक चिपचिपा पदार्थ होता है वो बनाते है जो दांत पे चिपक जाता है। अगर समय रहते इसको साफ़ ना किया जाता है तो यह दांतो की इनेमल को नष्ट करके कैविटी पैदा कर देता है।
कैल्शियम की कमी -
कैल्शियम हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी होता है खासकर दांतो के लिए अगर इसकी कमी हो जाए तोदांत वीक हो जाते है और कैविटी बन ने लग जाती है।
तो ये कुछ कारण है जिनकी वजह से दांतो में कीड़े लगते है यानी की कैविटी होती है।
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