"Shiv Rudrashtakam Verse - 4 | शिव रुद्राष्टकम श्लोक - 4 | Bhaktidhara126"
Автор: भक्ति धारा
Загружено: 2025-03-05
Просмотров: 1680
Описание:
"Shiv Rudrashtakam Verse- 4 | शिव रुद्राष्टकम श्लोक - 4 | Bhaktidhara126"
🔱 "शिव रुद्राष्टकम भगवान शिव की महिमा का अनुपम स्तोत्र है, जिसे तुलसीदास जी ने रचा था। इसमें शिवजी की महिमा, स्वरूप का सुंदर वर्णन किया गया है। इसे सुनने और पाठ करने से भक्तों को शिव कृपा प्राप्त होती है।"
चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् !
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं
प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि!!
✨जिनके कानों में बालियाँ हैं, जिनकी सुन्दर भौंहें और बड़ी-बड़ी आँखे हैं जिनके चेहरे पर सुख का भाव हैं जिनके कंठ में विष का वास हैं जो दयालु हैं, जिनके वस्त्र शेर की खाल हैं, जिनके गले में मुंड की माला हैं ऐसे प्रिय शंकर पुरे संसार के नाथ हैं उनको मैं पूजता हूँ |
🙏 जय भोलेनाथ 🙏
अगर आपको यह भजन पसंद आए, तो लाइक, कमेंट और शेयर करें। चैनल Bhaktidhara126 को सब्सक्राइब करना न भूलें! 🔔
#ShivRudrashtakam #Rudrashtakam #ShivBhajan #BholenathBhajan #LordShiva #Mahadev #ShivShankar #BhaktiGeet #Bhaktidhara126 #HarHarMahadev
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: