भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी||25 अगस्त 2021||मिलता है संतान सुख और लंबी आयु का वरदान||🙏🏻🤲🤲🤲🙏🏻
Автор: Bhagti mei Aastha
Загружено: 2021-08-23
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भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी||25 अगस्त 2021||मिलता है संतान सुख और लंबी आयु का वरदान||#ganeshji #bhagtimeiaastha #bhadrpadsankashtichaturthivrat2021 🙏🏻🤲🙏🏻🤲🙏🏻🤲🙏🏻
Sankashti Chaturthi 2021: पंचांग के अनुसार 25 अगस्त 2021, बुधवार को भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत और पर्व मनाया जाएगा. ये दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है. भादो के महीने में गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. शास्त्रों में गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा गया है. संकष्टी का अर्थ, संकटों को हरने वाला बताया गया है.
संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश के साथ संपूर्ण शिव परिवार की पूजा करना इस दिन उत्तम माना गया है. पंचांग के अनुसार इस बार संकष्टी चतुर्थी 25 अगस्त को दोपहर 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 26 अगस्त को दोपहर 5 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी. पौराणिक कथाओं के अनुसार गणेश जी को प्रथम देवता का दर्जा प्राप्त है. इसीलिए शुभ और मांगलिक कार्य को करने से पूर्व भगवान गणेश जी की स्तुति और स्मरण किया जाता है. गणेश जी रिद्धि, सिद्धि के भी दाता हैं. भाद्रपद मास में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व बताया गया है.
गणेश जी की पूजा से इन ग्रहों की अशुभता दूर होती है
संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा करने से पाप ग्रह केतु और बुध ग्रह की अशुभता भी दूर होती है. ज्योतिष शास्त्र में बुध को वाणी, वाणिज्य, व्यापार, लेखन, कानून और केतु को मोक्ष आदि का कारक माना गया है. इन ग्रहों के अशुभ होने पर धन, व्यापार, करियर और शिक्षा आदि के क्षेत्र में दिक्कतों को का सामना करना पड़ता है.
गणेश पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी तिथि की प्रात: स्नान करने के बाद पूजा प्रारंभ करें. व्रत का संकल्प लेने के बाद पूजा आरंभ करें. भगवान गणेश जी को फल, मिष्ठान, दूर्वा घास, पंच मेवा आदि समर्पित करें. मोदक का भोग लगाएं. संकष्टी चतुर्थी का व्रत सूर्योदय के समय से लेकर चंद्रमा उदय होने के समय तक व्रत रखा जाता है.
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