महादेव से मन जब माँ काली की ओर आने लगे ll
Автор: महादेव शिष्य- जय शंकर
Загружено: 2025-09-18
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#maakali
नंदीस्वर है गुरु परंपरा
गुरुकुल मेरा काशी है
गुरुमाता हैं अन्नपूर्णा जी
गुरु स्वयं अविनाशी हैं
जगत और ब्रह्म में कोई द्वैत नहीं हो | कैलाश पर विराजमान सभी गण जिस रूप में उनका दर्शन करना चाहते हैं वे दोनों जो एक होकर भी माया से वशीभूत अलग अलग दृष्टिगोचर होते हैं, सभी को उसी भाव अनुरूप दर्शन दे रहे | वे किसी को ब्रह्म सदृश्य तो,किसी को ज्ञान सदृश दिखते हैं | कोई उन्हें अपने माता पिता के रूप में देखता है तो,कोई आराध्य के रूप मे देख रहा है | जिसकी जैसी दृष्टि है वह उस रूप में उनको प्राप्त कर रहा है |
इन्हीं गणों मे से सबसे प्रिय और सदैव महादेव और महादेवी के सामीप्य ग्रहण करने वाले नंदीश्वर जिनके लिए महादेव और महादेवी, सर्वस्व हैं | नंदीश्वर सदैव महादेव भक्ति मे मग्न रहते हैं, और उनके जीवन का एक मात्र आधार महादेव की सेवा और आज्ञा का पालन है | महादेव, नंदीश्वर के आराध्य होने के साथ साथ उनके गुरु भी हैं | नंदीश्वर प्रतिपल, अपने गुरु का सानिध्य प्राप्त कर शिवोहम की अनुभूति में अभिभूत रहते हैं ,साथ ही साथ जो भी इस पृथ्वी पर महादेव को गुरु रूप मे प्राप्त करना चाहता है उनके लिए नंदी पथप्रदर्शक के रूप मे भूमिका निभाने लगा जाते हैं |
इन्हीं नंदीश्वर की प्रेरणा से महादेव को गुरु मानने और जानने वालों की एक परंपरा की शुरुआत हुई | वैसे नंदीश्वर इस परंपरा के प्रवर्तक अवश्य हैं लेकिन महादेव शिष्यों के गणना की श्रेणी में इससे भी आगे अनेक विभूतियों को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ जैसे:- श्री हरि विष्णु, माता पार्वती, देव गुरु वृहस्पति, असुर गुरु शुक्राचार्य, परशुराम, शनि देव, कार्तिकेय, रावण इत्यादि |
नंदीश्वर ने इसी यात्रा को आधार मानकर नंदीश्वर गुरु शिष्य परंपरा की आधारशिला रखी ताकि जो भी महादेव को गुरु रूप में स्वीकार करने की अभिलाषा रखता हो उसको दैविक, और भौतिक रूप से मार्गदर्शन प्रदान
#jaymaitrey शरीर जिसकी चेतना शिव हैं,जिसका भाग्य हर जन्म में शिव का दास बनना है। शरीर का जन्म एक शिव भक्त परिवार में हुआ। ग्रामीण और आर्थिक विपन्नता की संघर्षरत पृष्टभूमि से आये ,जो नौवीं कक्षा तक फेल रहे और जब शिव की कृपा हुई तो आज तीन पुस्तकों की रचना करते हुए केनोउपनिषद पर भाष्य लिख डाला। लगभग दस साल तक “सिविल सेवा परीक्षा” की तैयारी में संलग्न छात्रों को देश की प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान में व्यावसायिक अध्यापन कार्य करते रहे। परंतु 2022 में शिव की आज्ञा से लाखों का पैकेज छोड़ “ शिवा फाउंडेशन” के माध्यम से आप मानव रूपी शिव की सेवा में रत है। एक भक्त का परिचय तो उसके आराध्य होते हैं , महादेव।
की प्रेरणा से यह एक पंजीकृत संस्था है। संस्था ही नहीं बल्कि संकल्प भी है। जो संसार से शिवोहम के मार्ग को प्रशस्त करने का एक माध्यम बने। जहाँ समाज में बूँद बूँद रूप में विद्यमान शिव प्रेमी एक स्थान पर मिलकर गंगोत्री से निकलती माँ गंगा की भाँति संपूर्ण धरा पर शिवप्रेम की रसगंगा का प्रसार करे।
#shivacharitablefoundation. यहाँ कोई गुरु नहीं है, सभी शिव शिष्य है। ये कहना उचित नहीं होगा की इसकी स्थापना किसी एक व्यक्ति ने की है। उस हर व्यक्ति के अंदर विद्यमान शिव ने की है जो किसी ना किसी रूप से इसके साकार रूप ग्रहण करने तक योगदान दिया है और दे रहे हैं,यहाँ तक कि आप भी जो इसे अभी पढ़ रहे हैं। परंतु सभी शिव भक्तों को एक साथ खड़े होने हेतु निवेदन के उद्देश्य से इस शरीर ने गुरुमहादेव से प्रेरणा ग्रहण किया और दास भाव से आपके समक्ष प्रार्थनाबद्ध है।
।। हर हर महादेव।।
9625795949
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