Plastic Straw के नुकसान जानेंगे तो इस्तेमाल करना छोड़ ही देंगे Pollution | NO TO SINGLE-USE PLASTIC
Автор: News Potli
Загружено: 2022-11-04
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In this video, our focus is on the #plastic straw that we use in our daily routine with #coffee, #colddrinks etc. These straws which are made from plastic material are #harmful in nature.. #ICAR scientists provided an alternative for #straw that will be beneficial for consumers, sellers, #farmers, #nature and #animals as well. They have developed a variety of #wheat named PUSHA SRIJAN whose stem will be used to make straws which will be hundred percent natural, #ecofriendly and #biodegradable.
#saynotoplastic #pollution #Wheat #straw #icar
क्या आपको पता है दुनियाभार में भारत 5वां ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा निकलता है। भारत में 2020-21 में करीब 3.5 million tonne plastic का उत्पादन हुआ। जिसमें से आधे ज्यादा का इस्तेमाल सिंगल यूज़ पैकेजिंग के लिए किया इसमें सामान लेने वाली पन्नी और स्ट्रॉ जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं। भारत के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक सर्वे बताता है कि देश में हर दिन 26 हजार टन प्लास्टिक कचरा निकलता है, जिसमें से सिर्फ 60% को ही दोबारा इकट्ठा किया जा पाता है, बाकी कचरा, नालों नदियों से होते हुए समंदर में पहुंच जाता है या फिर पड़ा रहता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, भारत में हर साल 2.4 लाख टन सिंगल यूज प्लास्टिक पैदा होता है, इस हिसाब से हर व्यक्ति हर साल 18 ग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा पैदा करता है।
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि दुनिभार में हर साल करीब 40 करोड़ टन कचरा पैदा होता है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ये भी बताती है कि दुनिभार के समंदरों में अब तक 20 करोड़ टन कचरा जा चुका है। एक्सपर्टस का अनुमान है अगर कचरा निकलने की यही रफ्तारा रही तो 2050 तक समंदरों में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक होगा।
दुनिया भार में हर साल करीब 8.8 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा समुद्र में पहुंचता है, जिसमें .03% स्ट्रॉ होता है। भारत की बात करें तो सिर्फ तीन बड़े शहरों दिल्ली मुंबई और बेंगलुरु क्रमशा 287.6 million, 172.8 million औप 252.7 million straws हर साल कचरे के तौर पर निकलती है।
WWF यानि World Wide Fund for Nature की living planet report रिपोर्ट बताती है कि फ्रेश वॉटर स्पेशीज़ की तादाद में 83% की गिरावट आई है। biodiversity की वजह से ना केवल फ्रेश वॉटर स्पेशीज़ को नुकसान हो रहा है बल्कि इंसानों को भी बहुत नुकसान हुआ है। हर से 0.13 % की दर से खेती और कोस्टल एरिया का नुकसान पहुंच रहा।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि समुद्री बर्फ में प्लास्टिक का समावेश ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाने के लिए भी जिम्मेदार है। समुद्री जीवों के माइक्रोप्लास्टिक के सेवन से आंतों में घाव बन सकते है और उनके खाने की मात्रा भी कम हो रही है। प्लास्टिक की वजह से ही हजारों स्ट्रॉबेरी हर्मिट केकड़े कंटेनरों में फंस जाते हैं और फिर मर जाते हैं। 6,561 जांचे गए जलीय जीवों में पाया गया कि 11 फीसदी ने समुद्री प्लास्टिक के मलबे को निगल लिया था।
एक बार में ये आंकड़े आपको डरा सकते हैं। कि जिस तेजी से दुनियाभर में प्लास्टिक कचरा निकल रहा वो हमारे आपके साथ ही वन्य और समुद्री जीवों के लिए कितना खतरनाक है, साथ ही जलवायु परिवर्तन के बहुत से कारणों में से भी एक है। लेकिन हम आपका डराना नहीं बस आगाह करना चाहते हैं। हम आपको इसका समाधान भी बताएंगे।
कछुए की नाक में फंसे ये प्लास्टिक स्ट्रॉड है। जिसी कसी ने शायद समुद्र के किनारे कुछ पीने के बाद फेंक दिया होगा। और इसने कछुए को कितना नुकसान पहुंचाया ये तो आप देख ही रहे हैं। बचाव दल ने उसकी नाक से स्ट्रॉ को तो निकाल लिया। लेकन जिस दौरान ये प्रक्रिया चल रही थी, कछुए की नाक से खून बहता रहा । जाहिर सी बात है कि इस स्ट्रॉ के कारण कछुए को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही होगी। वो मर भी सकता था।
ये स्ट्रॉ जीवों के साथ आपके लिए कितना खतरनाक है ये भी जान लीजिए।
द वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, स्ट्रॉ की मदद से आपको वास्तव में जितना ड्रिंग पीना होता है आप उससे अधिक पी लेती हैं। एरेटेड और हाई कैलोरी वाले सॉफ्ट ड्रिंक्सह के छोटे घूंट आपको अधिक वजन बढ़ाने का कारण बन सकते हैं। द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्ट्रॉ ड्रिंक की गंध को बेअसर कर देता है और ड्रिंक के लिए आपकी भूख को बढ़ाता है जो आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
दरअसल प्लास्टिक के स्ट्रॉे पॉलीप्रोपाइलीन से बने होते हैं, एक घटक जिसे मॉडरेशन में खाद्य-सुरक्षित कहा जाता है। हालांकि, जब स्ट्रॉ से हीट के केमिकल्सं के संपर्क में आते हैं तो वे आपके ड्रिंक में लीच कर सकते हैं और आपके शरीर में समाप्त हो सकते हैं। ये केमिकल्से घटक आपके शरीर के हार्मोन के लेवल को भी प्रभावित कर सकते हैं।
अब आप विकल्प भी जान लीजिए। सबसे पहले तो आप मुमकिन हो तो यूं ड्रिंग पिए स्ट्रॉ की ज़रूरत ही ना पड़े। लेकिन अगर ले तों कागज़ की बनी स्ट्रॉ का इस्तेमाल करें। ये आपकी सेहत को तो सीधे तो नुकसान नहीं पहुंचाएगी हां इतना जरूर है कि पेड़ों को नुकसान जरूर पहुंचाएगी, जिसका वास्ता कहीं ना कहीं आपकी सेहत से ही है ये तो आप भी जानते ही हैं। तो फिर दिक्कत वही कि आखिर इसका विकल्प क्या है। तो अब देश के वैज्ञानिकों ने इसका भी विकल्प खोज लिया है। जो ना केवल आपके लिए फायदेमंद है बल्कि प्रृकिति के लिए भी किसी संजीवनी से कम नहीं है, कैसे आप खुद ही सुन लीजिए। जो आपके साथ हज़ारों लोगों को ना केवल रोजगार देगा बल्कि किसानों को को नई उम्मीद दिखाएगा। इसके जरिए आप कैसे नया स्टार्टप डाल सकते हैं और किसानों की जिंदगी में ये कैसे नई रौशनी लेकर ये आपको अगले वीडियो में बताएंगे। अगला वीडियो देखने के लिए न्यूज़ पोटली को सब्रस्क्राइब करें। और अगर आपको ये वीडियो पसंद आया तो लाइक करना ना भूलें। आपके कोई सुझाव हो हमारे लिए तो भी कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं।
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