देवमाली,मसूदा devmali,masuda
Автор: Masudavibes
Загружено: 2024-02-15
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अजमेर. राजस्थान के अजमेर जिले में आता है देवमाली गांव। इस गांव की कहानी बड़ी दिलचस्प है। यहां के लोग आर्थिक रूप से संपन्न होते हुए भी पक्के का मकान नहीं बनाते हैं और मिट्टी के घरों में रहते हैं। यही नहीं, यहां आज भी मिट्टी के चूल्हे का इस्तेमाल किया जाता है। इसके पीछे गांव वालों की एक मान्यता है। यहीं नहीं यहां के लोग शादी में दूल्हे को घोड़े पर नहीं बिठाते हैं। जानिए क्यों घोड़ी पर नहीं बैठता दूल्हा देवमाली गांव में शादी के दौरान दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बिठाया जाता है।
गांव वालों का मानना है कि इससे मैरिज के बाद हादसे हो जाते हैं।
गांव वालों का मानना है कि पक्के का घर बनाते ही गांव में कोई आपदा आ जाती है।
बता दें कि इस गांव के लोग खुद को एक ही पूर्वज के संतान मानते हैं। उनका कहना है कि उनके पूर्वज ने ही देवमाली गांव को बसाया था।
कई लोगों ने इस गांव में पक्के का मकान बनाया, लेकिन कुछ ही दिनों में पूरा मकान ढह गया।
देवमाली के लोग इसे एक मान्यता मानते हैं। जबकि, आस-पास के गांवों के लोग इसे अंधविश्वास कहते हैं।
शाकाहारी है पूरा गांव
देवमाली गांव की एक और खासियत है। यहां का हर व्यक्ति शाकाहारी है।
80फैमिली के इस गांव में कोई शराब भी नहीं पीता है।
यहां श्री देवनारायण भगवान का मंदिर है, गांव वाले इन्हें विष्णू का अवतार मानते हैं।
बता दें कि गांव की पूरी जमीन भी भगवान देवनारायण के नाम पर है।
किसी ग्रामीण के नाम पर यहां एक इंच भी जमीन नहीं है।
नहीं लगता है घरों में ताला
देवमाली गांव में किसी के घर में ताला नहीं लगता है।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, पिछले 50 सालों में इस गांव से चोरी का मामला नहीं आया है।
ग्रामीणों के बीच किसी तरह के विवाद का मामला भी दर्ज नहीं है।
जय जय !!
दैव दरबार की जय जय !!!
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