ycliper

Популярное

Музыка Кино и Анимация Автомобили Животные Спорт Путешествия Игры Юмор

Интересные видео

2025 Сериалы Трейлеры Новости Как сделать Видеоуроки Diy своими руками

Топ запросов

смотреть а4 schoolboy runaway турецкий сериал смотреть мультфильмы эдисон
Скачать

क्या आप जानते हैं इंद्र की सबसे सुंदर अप्सरा तिलोत्तमा के बारे में

bollywood news

Latest news

hindi news

Автор: Vanity News

Загружено: 2019-10-07

Просмотров: 460

Описание: Subscribe to    / renukasindiankitchen   for mouth watering Indian Food Recipes क्या आप जानते हैं इंद्र की सबसे सुंदर अप्सरा तिलोत्तमा के बारे में....


अप्सरा के बार में आप सभी ने कई बार सुना और पढ़ा होगा. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इंद्र की सबसे सुंदर अप्सरा के बारे में कि उनका जन्म कैसे हुआ था और उन्होंने क्या कारनामा किया था. आइए जानते हैं उनके बारे में.

इंद्र की सबसे सुंदर अप्सरा का नाम तिलोत्तमा - इंद्र की अनेक अप्सराओं में एक अप्सरा का नाम तिलोत्तमा है और इनका नाम इनके अद्भुत सौंदर्य की वजह से है. कहते हैं इस अद्भुत सौंदर्य वाली अप्सरा के जन्म के पीछे बड़ी ही रोचक कथा है. जी हाँ, पुराणों में मौजूद कथाओं में दो घटनाओं में जिक्र मिलता है कि क्यों तिलोत्तमा का जन्म हुआ और ये दोनों कहानियां एक जगह आकर मिलती हैं और वह लक्ष्य पूरा होता है जिसके लिए इसका जन्म हुआ था. तिलोत्तमा स्वर्ग की परम सुंदर अप्सरा में से एक थी और हमारे पुराणों में तिलोत्तमा नाम की एक अप्सरा का कई स्थानों पर उल्लेख मिलता है. वहीं शास्त्रों में तिलोत्तमा के बारे में कहा जाता है कि तिलोत्तमा की रचना के लिए ब्रह्माजी ने तिल-तिल भर संसार की सुंदरता को इसमें समाहित किया था, इसीलिए इसका नाम ‘तिलोत्तमा’ पड़ा और ब्रह्मा के हवनकुंड से इसका जन्म हुआ.

इसी के साथ दुर्वासा ऋषि के शाप से यही तिलोत्तमा बाण की पुत्री हुई थी और माघ मास में यह सौर गण के साथ सूर्य के रथ पर रहती है. दूसरी मान्यता अनुसार तिलोत्तमा अश्विन मास (वायुपुराण के अनुसार माघ) में अन्य सात सौरगण के साथ सूर्य के रथ की मालकिन के रूप में रहती है. अष्टावक्र द्वारा भी इसे शाप मिला था. कहा जाता है हिरण्यकश्यप के वंश में निकुंभ नामक एक असुर उत्पन्न हुआ था, जिसके सुन्द, उपसुन्द नामक दो पुत्र हुए. विश्वविजय की इच्छा से सुन्द और उपसुन्द विंध्याचल पर्वत पर तप करने लगे जिससे प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने वर मांगने को कहा. तब इन दोनों ने अमरत्व का वरदान मांगा लेकिन ब्रह्माजी ने ऐसा वरदान देने से मना कर दिया. इसी के साथ उस समय दोनों भाइयों ने सोचा कि उनमें तो आपसी प्रेम बहुत अधिक है और वे कभी भी आपस में नहीं लड़ सकते.

इसीलिए उन्होंने वरदान मांगा कि एक-दूसरे को छोड़कर त्रिलोक में उन्हें किसी से मृत्यु का भय न हो. वरदान प्राप्त होने के बाद सुन्द और उपसुन्द के अत्याचारों से संसार त्रस्त हो उठा. तब इन दोनों भाइयों के अन्याय से मुक्ति दिलाने के लिए ही ब्रह्माजी ने विश्वकर्मा जी से एक दिव्य सुंदरी की रचना के लिए निवेदन किया. वहीं विश्वकर्मा जी ने ने तीनों लोकों की तिल-तिल भर सुंदरता लेकर एक अवर्णनीय सौंदर्य प्रतिमा स्वरूप इस सुंदरी का निर्माण किया. सुन्द-उपसुन्द तिलोत्तमा के रूप सौंदर्य को देखते ही उसे पाने के लिए आपस में लड़ने लगे और एक-दूसरे के हाथों मारे गए. सौंदर्य के अभिमान में एक बार तिलोत्तमा ने महर्षि विश्वामित्र का अपमान कर दिया. इससे क्रोधित होकर ऋषि ने इन्हें असुर बन जाने का शाप दिया. इस शाप से यह वाणासुर की पुत्री उषा हुई. उषा भगावन श्रीकृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न को पसंद करने लगी और एक रात उन्हें सोते हुए से उठाकर अपने महल में ले आई. बाद में प्रद्युम्न के साथ इनका विवाह हुआ.

Не удается загрузить Youtube-плеер. Проверьте блокировку Youtube в вашей сети.
Повторяем попытку...
क्या आप जानते हैं इंद्र की सबसे सुंदर अप्सरा तिलोत्तमा के बारे में

Поделиться в:

Доступные форматы для скачивания:

Скачать видео

  • Информация по загрузке:

Скачать аудио

Похожие видео

© 2025 ycliper. Все права защищены.



  • Контакты
  • О нас
  • Политика конфиденциальности



Контакты для правообладателей: [email protected]