श्रीरामकृष्ण वचनामृत भाग 73 || ईश्वर के प्रति एकांत अनुराग हुए बिना प्रेमा भक्ति का उदय नहीं होता
Автор: Nai Roshni
Загружено: 2021-03-25
Просмотров: 2440
Описание:
श्रीरामकृष्ण वचनामृत भाग 73 || ईश्वर के प्रति एकांत अनुराग हुए बिना प्रेमा भक्ति का उदय नहीं होता
🌻श्रीरामकृष्ण वचनामृत का परिचय🌻
श्रीरामकृष्णवचनामृत बंगाली भाषा में श्रीमहेन्द्रनाथ गुप्त द्वारा लिखी गई "कथामृत" का हिंदी अनुवाद है। इसके हिंदी अनुवादक प्रसिद्ध साहित्यकार पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' जी हैं।
भक्तों के साथ श्रीरामकृष्णदेव के सहज वार्तालाप को इसमें लिपिबद्ध किया गया है। श्रीरामकृष्णदेव का जीवन नितांत आध्यात्मिक था। ईश्वरीय भाव उनके लिए ऐसा ही स्वाभाविक था जैसा किसी प्राणी के लिए श्वांस लेना। उनके जीवन का प्रत्येक क्षण मनुष्यमात्र के लिए कल्याणकारी है। उनके उपदेश विशेषरूप से आध्यात्मगर्भित हैं तथा सार्वलौकिक होते हुए मानव जीवन पर अपना प्रभाव डालने में अद्वितीय हैं।
वार्तालाप में ज्ञान, भक्ति, कर्म एवं योग के गूढ़ रहस्यों को सरलरूप से समझाया गया है। यह परमार्थतत्व के जिज्ञासुओं के लिए श्रीरामकृष्णदेव का अनमोल उपहार है। इसको श्रवण एवं मनन करने से भगवदप्राप्ति का मार्ग सुगम हो जाता है।
जय श्रीरामकृष्णदेव 🙏
#shriramkrishnavachnamrit
#ramkrishnaparamhansa
#amritvani
#nairoshni
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: