Indian Polity | संवैधानिक संशोधन 11 से 20 तक (Class -2) All Compatative Examination UPSC BPSC SSC
Автор: AFTeduboost
Загружено: 2025-11-30
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संवैधानिक संशोधन 11 से 20 तक भारतीय संविधान के विकास में महत्वपूर्ण बदलाव लाते हैं। इस वीडियो में आसान भाषा में इन सभी संशोधनों का लक्ष्य, उद्देश्य, और परीक्षाओं में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण बिंदुओं को कवर किया गया है। UPSC, State PCS, JPSC, JSSC, SSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहद उपयोगी।
🔹 वीडियो में शामिल मुख्य बिंदु:
11वां संशोधन: राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया में संशोधन
12वां संशोधन: गोवा, दमन और दीव का भारत में विलय
13वां संशोधन: नागालैंड राज्य का गठन
14वां संशोधन: पुदुचेरी का भारत संघ में विलय
15वां संशोधन: न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु में संशोधन
16वां संशोधन: राष्ट्रीय एकता और अखंडता हेतु शपथ में परिवर्तन
17वां संशोधन: अनुसूचित भूमि अधिग्रहण सुरक्षा
18वां संशोधन: राष्ट्रपति चुनाव विवाद समाधान
19वां संशोधन: चुनाव आयोग की शक्तियों में संशोधन
20वां संशोधन: न्यायपालिका में हुई त्रुटियों का समाधान
🔹 11वां संशोधन अधिनियम, 1961
उद्देश्य:
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया को स्पष्ट व सरल बनाना।
मुख्य प्रावधान:
राष्ट्रपति चुनाव में नामांकन के लिए आवश्यक औपचारिकताओं में संशोधन।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उत्पन्न विवादों का समाधान सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनिश्चित।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल की परिभाषा स्पष्ट की गई।
प्रभाव:
चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनी।
Exam Point:
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव से जुड़ा पहला बड़ा संशोधन 11वां संशोधन है।
🔹 12वां संशोधन अधिनियम, 1962
उद्देश्य:
गोवा, दमन और दीव को आधिकारिक रूप से भारत का हिस्सा बनाना।
मुख्य प्रावधान:
पुर्तगाल से स्वतंत्रता (1961) के बाद इन क्षेत्रों को भारतीय संघ में सम्मिलित किया गया।
अनुच्छेद 240 में संशोधन कर राष्ट्रपति को इन केंद्रशासित प्रदेशों पर विधायी शक्ति प्रदान की गई।
प्रभाव:
गोवा, दमन और दीव भारत के केंद्रशासित प्रदेश बने।
Exam Point:
गोवा का भारत में आधिकारिक विलय 12वें संशोधन से हुआ।
🔹 13वां संशोधन अधिनियम, 1962
उद्देश्य:
नागालैंड राज्य का गठन।
मुख्य प्रावधान:
भारतीय संघ का 16वां राज्य — नागालैंड बनाया गया।
अनुच्छेद 371A जोड़ा गया, जो नागाओं की संस्कृति, परंपराओं और कानूनों की सुरक्षा करता है।
प्रभाव:
पूर्वोत्तर में राजनीतिक स्थिरता और शांति प्रयासों को बल मिला।
अनुच्छेद 371A — नागालैंड के लिए विशेष प्रावधान।
🔹 14वां संशोधन अधिनियम, 1962
उद्देश्य:
पुदुचेरी को भारत संघ में शामिल करना।
मुख्य प्रावधान:
पुदुचेरी फ्रांस से 1954 में स्वतंत्र हुआ था, 1962 में भारत का केंद्रशासित प्रदेश बना।
अनुच्छेद 239A जोड़ा गया, जिससे पुदुचेरी में विधानसभा और मंत्रिपरिषद बनी।
प्रभाव:
पुदुचेरी को लोकतांत्रिक ढांचा प्राप्त हुआ।
विधानसभा रखने वाला एकमात्र केंद्रशासित प्रदेश जो फ्रांसीसी शासन से जुड़ा था—पुदुचेरी (14वां संशोधन)।
🔹 15वां संशोधन अधिनियम, 1963
उद्देश्य:
न्यायपालिका में सुधार।
मुख्य प्रावधान:
हाई कोर्ट न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु 60 → 62 वर्ष की गई।
उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण प्रक्रिया स्पष्ट की गई।
अनुच्छेद 217 और 222 में संशोधन।
प्रभाव:
न्यायिक दक्षता और अनुभव में वृद्धि।
हाई कोर्ट जजों की रिटायरमेंट आयु बढ़ाने वाला संशोधन 15वां संशोधन।
🔹 16वां संशोधन अधिनियम, 1963
उद्देश्य:
राष्ट्रीय एकता और अखंडता को सशक्त बनाना।
मुख्य प्रावधान:
सरकारी नौकरी, सांसद/विधायक पद, न्यायाधीश आदि पदों की शपथ में “राष्ट्रीय अखंडता” शब्द जोड़ा गया।
अनुच्छेद 19(2) में संशोधन, जिससे राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों पर रोक मजबूत हुई।
प्रभाव:
देश-विरोधी गतिविधियों पर नियंत्रण और अखंडता को मजबूती।
शपथ में Integrity (अखंडता) शब्द जोड़ा गया — 16वां संशोधन।
🔹 17वां संशोधन अधिनियम, 1964
उद्देश्य:
कृषि भूमि सुधार कानूनों को न्यायिक हस्तक्षेप से बचाना।
मुख्य प्रावधान:
नौवीं अनुसूची (9th Schedule) में कई भूमि सुधार कानून जोड़े गए।
“Estates” की परिभाषा विस्तृत की गई, ताकि भूमि सुधारों को सुरक्षित रखा जा सके
प्रभाव:
जमींदारी उन्मूलन व भूमि सुधार योजनाओं को शक्ति मिली।
9वीं अनुसूची में बड़ी संख्या में भूमि कानून जोड़ने वाला संशोधन = 17वां संशोधन।
🔹 18वां संशोधन अधिनियम, 1966
उद्देश्य:
35वें संशोधन के प्रभाव को लागू करने से पहले राष्ट्रपति चुनाव विवाद का समाधान।
मुख्य प्रावधान:
संविधान में कुछ परिभाषाओं को संशोधित किया गया, विशेषकर राष्ट्रपति चुनाव संबंधी व्याख्याओं को स्पष्ट किया गया।
मुख्य रूप से व्याख्या से संबंधित तकनीकी संशोधन।
प्रभाव:
राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया अधिक स्पष्ट बनी।
तकनीकी व्याख्या और स्पष्टीकरण से जुड़ा संशोधन = 18वां संशोधन।
🔹 19वां संशोधन अधिनियम, 1966
उद्देश्य:
चुनाव आयोग को अधिक शक्ति देना।
मुख्य प्रावधान:
अनुच्छेद 324 में संशोधन कर चुनावी विवादों की जांच के लिए अलग निर्वाचन न्यायाधिकरण (Election Tribunals) समाप्त किए गए।
अब चुनावी मुद्दों पर फैसला उच्च न्यायालय करेगा।
प्रभाव:
न्यायिक प्रक्रियाओं का केंद्रीकरण—अधिक पारदर्शिता
Exam Point:
Election Tribunals को समाप्त किया गया — 19वां संशोधन।
🔹 20वां संशोधन अधिनियम, 196
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