Shuddha Sarang Drut Teentaal
Автор: CHINMAY KOLHATKAR MUSIC
Загружено: 2024-03-31
Просмотров: 844
Описание:
शुद्ध सारंग बंदिश..
द्रुत तीनताल...
गायन सौ. साधना, वैदेही और मैं ..
हर एक पंक्ती दो आवर्तन की है ।
चौथी मात्रा से शुरू होती है ।
दूसरे आवर्तन मे सम के उपर शब्द यतिभंग है ।
अस्ताई
बरजोरी करत मोसे शाम जमुना की बांट पे कछु मानत नाही ।
कलाई पकरत हाथ मरोरत झगरा करत जाने देत नाही ।
अंतरा
पनिया भरन आयी जमुना तट निहारत तहां ठाडो कुंवर कान्हा ।
फोरी मोरी गगरीया भीजी सारी चुनरिया सुने कोई ना दुहाई ।
रचना - चिन्मय कोल्हटकर ।
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: