मां धूमावती सिद्ध शाबर मंत्र
Автор: Mantra Vigyanam
Загружено: 2025-09-02
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मां धूमावती सिद्ध शाबर मंत्र #मंत्र_साधना
ॐ पाताल निरंजन निराकार, आकाश मण्डल धुन्धुकार, आकाश दिशा से कौन आये, कौन रथ कौन असवार, आकाश दिशा से धूमावन्ती आई, काक ध्वजा का रथ अस्वार आई थरै आकाश, विधवा रुप लम्बे हाथ, लम्बी नाक कुटिल नेत्र दुष्टा स्वभाव, डमरु बाजे भद्रकाली, क्लेश कलह कालरात्रि । डंका डंकनी काल किट किटा हास्य करी । जीव रक्षन्ते जीव भक्षन्ते जाजा जीया आकाश तेरा होये । धूमावन्तीपुरी में वास, न होती देवी न देव तहा न होती पूजा न पाती तहा न होती जात न जाती तब आये श्रीशम्भुजती गुरु गोरखनाथ आप भयी अतीत ।
ॐ धूं धूं धूमावती स्वाहा ।
मंत्र के प्रयोग
गुरु का मार्गदर्शन:
इन मंत्रों को सिद्ध करने के लिए किसी योग्य गुरु का मार्गदर्शन अत्यंत आवश्यक है।
शाबर मंत्रों का प्रयोग करते समय बहुत सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि यह अत्यंत शक्तिशाली होते हैं और यदि गलत तरीके से प्रयोग किया जाए तो हानिकारक हो सकते हैं।
हर हर महादेव 🙏
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