प्रेगनेंसी में सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड) कब - कब और कितनी करवाये? |Sonography in pregnancy
Автор: Dr. Soniya Gupta Gynaecologist
Загружено: 2025-06-01
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प्रेगनेंसी में सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड) कब और कितनी करवाये? |Sonography in pregnancy | @dr.soniyagupta
“गर्भावस्था में कितनी बार अल्ट्रासाउंड कराना ज़रूरी है? हर माँ को जानना चाहिए!”
नमस्ते! मैं हूँ Dr. Soniya Gupta – गायनकोलॉजिस्ट और आपकी प्रेगनेंसी गाइड!
हर मम्मी बनने वाली महिला के मन में एक सवाल ज़रूर आता है –
‘डॉक्टर, कितनी बार अल्ट्रासाउंड कराना पड़ेगा?’
कुछ लोग कहते हैं ज़्यादा कराना ठीक नहीं, तो कुछ लोग हर महीने स्कैन करवाते हैं!
तो आज हम इसी कन्फ्यूजन को दूर करेंगे – एकदम क्लियर तरीके से।
वीडियो को आख़िर तक देखिए – मैं बताऊंगी प्रेगनेंसी के हर स्टेज पर कौन-कौन सी सोनोग्राफी ज़रूरी होती है, और उसका क्या मतलब है।
चलिए शुरू करते हैं!”
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📅 1. पहली सोनोग्राफी – 6 से 8 हफ्ते (Dating Scan):
“ये प्रेगनेंसी का पहला अल्ट्रासाउंड होता है।
इसमें हम ये देखते हैं कि –
✔ गर्भ सही जगह पर है या नहीं
✔ भ्रूण की हार्टबीट शुरू हुई है या नहीं
✔ कितने हफ्ते की प्रेगनेंसी है
✔ और ट्विन्स हैं या सिंगल बेबी
👉 इसे ‘Dating Scan’ कहते हैं – और ये सबसे ज़रूरी स्कैन है ताकि आगे की प्लानिंग सही हो सके।”
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📅 2. दूसरी सोनोग्राफी – 11 से 14 हफ्ते (NT Scan + Double Marker Test):
“इस स्कैन में हम बच्चे की गर्दन की स्किन की मोटाई (NT) नापते हैं।
✔ इससे पता चलता है कि बच्चे को डाउन सिंड्रोम या कोई जेनेटिक प्रॉब्लम का रिस्क है या नहीं।
👉 इसे NT Scan कहते हैं, और साथ में एक खून का टेस्ट होता है – Double Marker।
ये दोनों मिलकर हमें बताते हैं कि बच्चा स्वस्थ है या किसी स्पेशल केयर की ज़रूरत है।”
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📅 3. तीसरी सोनोग्राफी – 18 से 22 हफ्ते (Anomaly Scan / Level 2 Scan):
“अब तक बेबी के सारे अंग बन चुके होते हैं –
✔ दिल, दिमाग़, हाथ-पाँव, रीढ़, आँखें – सब कुछ!
👉 इस स्कैन से हम यह देखते हैं कि कोई जन्मजात दोष (birth defect) तो नहीं है।
इसे ‘Anomaly Scan’ कहते हैं – और यह सबसे Detailed Scan होता है।
यह स्कैन हर माँ के लिए बेहद ज़रूरी है।”
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📅 4. चौथी सोनोग्राफी – 28 से 32 हफ्ते (Growth Scan):
“अब हम देखते हैं कि बेबी का वजन और विकास सही से हो रहा है या नहीं।
✔ प्लेसेंटा कहाँ है?
✔ बच्चे की पोजिशन क्या है?
✔ अम्नियोटिक फ्लूइड की मात्रा कितनी है?
👉 अगर मम्मी को डायबिटीज़, हाई BP या कोई हेल्थ इशू है, तो ये स्कैन और भी ज़रूरी हो जाता है।”
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📅 5. पाँचवी सोनोग्राफी – 36 से 38 हफ्ते (Term Scan):
“अब डिलीवरी के लिए तैयार हो जाइए!
✔ बच्चा सिर नीचे है या नहीं?
✔ कॉर्ड कहीं फँसी तो नहीं है?
✔ फ्लूइड सही मात्रा में है या नहीं?
✔ वजन कितना है?
👉 इस स्कैन से हमें पता चलता है कि डिलीवरी नॉर्मल हो सकती है या सी-सेक्शन की ज़रूरत होगी।”
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“तो अब आपको पता चल गया होगा कि हर सोनोग्राफी का एक मकसद होता है –
कोई स्कैन सिर्फ़ ‘देखने’ के लिए नहीं, बल्कि माँ और बच्चे की सेफ्टी के लिए होता है।
📌 कुल मिलाकर एक हेल्दी प्रेगनेंसी में 4 से 5 सोनोग्राफीज़ ज़रूरी होती हैं –
और अगर कोई हेल्थ इशू है, तो डॉक्टर एक्स्ट्रा स्कैन भी सलाह दे सकते हैं।
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Dr. Soniya Gupta
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