घर पर माँ गौरी की पूजा कैसे करें?अष्टमी व्रत का पालन कैसे करें
Автор: HINDU_SANATAN_JAMUI
Загружено: 2025-09-29
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महाअष्टमी व्रत (जो दुर्गा पूजा के आठवें दिन रखा जाता है) बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है। इस दिन माता महागौरी की पूजा होती है। घर पर भी आप यह व्रत बहुत सरल तरीके से कर सकते हैं। यहाँ पूरी विधि दी जा रही है:
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🪔 महाअष्टमी व्रत एवं पूजा विधि (घर पर)
1️⃣ सुबह की तैयारी
प्रातःकाल जल्दी उठें, स्नान करें।
घर को साफ करें और पूजा स्थान को शुद्ध जल से पवित्र करें।
माँ दुर्गा या महागौरी की मूर्ति/चित्र को लाल कपड़े पर स्थापित करें।
कलश स्थापना करें –
पीतल/मिट्टी के कलश में जल भरें।
उस पर आम के पत्ते रखें और नारियल रखकर लाल कपड़े से बांध दें।
स्वस्तिक बनाएं।
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2️⃣ व्रत का संकल्प
आसन पर बैठकर हाथ में जल, फूल और चावल लेकर संकल्प करें –
“मैं आज महाअष्टमी का व्रत करूंगा और माता महागौरी की पूजा करूँगा। मेरे परिवार पर कृपा बनी रहे।”
जल अपने दाएँ हाथ से नीचे बहा दें।
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3️⃣ माता महागौरी की पूजा विधि
सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें।
फिर दुर्गा सप्तशती का पाठ या महागौरी मंत्र का जाप करें –
ॐ देवी महागौर्यै नमः (108 बार या जितना संभव हो)
माता को श्रृंगार की वस्तुएँ चढ़ाएँ –
कुमकुम, हल्दी, चूड़ी, सिंदूर, फूल, अक्षत
मिठाई, नारियल, फल, पान अर्पित करें
दीपक और धूप जलाएँ।
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4️⃣ कन्या पूजन (कुमारिका पूजा)
महाअष्टमी का विशेष महत्व कन्या पूजन से होता है।
9 या 2/5 कन्याओं (छोटी बालिकाओं) को बुलाएँ।
उनके पैर धोएँ, तिलक करें, भोजन कराएँ।
उन्हें उपहार (फल, दक्षिणा, चुनरी आदि) दें।
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5️⃣ हवन (यदि संभव हो)
हवन कुंड में घी, कपूर, लकड़ी आदि से हवन करें।
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र से 108 आहुतियाँ दें।
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6️⃣ व्रत पूर्ण करना
दिनभर हल्का भोजन या फलाहार करें।
शाम को पुनः माता की आरती करें और व्रत का समापन करें।
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📌 महत्वपूर्ण सुझाव
पूरे दिन सात्विक रहें।
मांस, मदिरा, लहसुन-प्याज का सेवन न करें।
घर में सकारात्मक वातावरण बनाए रखें – भजन, मंत्र, आरती करें।
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