जानिए अपने जीवन में गरीबी और दुःख का असली कारण
Автор: Buddha Short
Загружено: 2024-07-29
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एक बार महत्मा बुद्ध एक गांव मे अपने शिस्यो सहित घने पेड़ की छाँव के नीचे बैठ थे। आसपास के गाँवों से बहुत से लोग अपनी मानसिक समस्याएँ लेकर महात्मा बुद्ध के पास आ रहे थे।
महत्मा बुद्ध उन सब की मानसिक परेशानियों का समाधान देते। सब लोग ख़ुशी ख़ुशी अपनी समस्याओ का समाधान पा कर वहाँ से लौट रहे थे। वहीं से कुछ दूर बैठा लोगों को बुद्ध के पास जाते देख एक दुखी भिखारी अपने भाग्य को कोसता हुआ यही सोचने लगा...
की अभी कुछ देर पहले तो ये लोग दुखी मन से मुँह लटकाए,उन महत्मा के पास गए थे। और अब ! इतना खुश हो कर कैसे वापिस लौट रहे है। आखिर माजरा क्या है जरा मैं भी जाकर देखु की वो महात्मा ऐसा कौन सा खजाना बाट रहा है इन लोगो को !वे इतने प्रसन्न हुए कि उनके चेहरे लाल हो गये।
ज़ब वो दुख भिकारी कुछ नजदीक गया तो उसने देखा की ये महात्मा तो लोगो को प्रवचन दे कर लोगो के दुख का निवारण कर रहे है।यह देखकर भिखारी के मन में भी तीव्र इच्छा हुई कि क्यों न मैं भी इन महात्मा को अपना दुःख बताऊँ।
मुझे भी अपने दुख का समाधान अवश्य मिलेगा बस फिर क्या था.. समाधान पाने की लालसा लिए भिखारी, महात्मा बुद्ध के सामने पंहुचा और हाथ जोड़ कर, प्रणाम करते हुए बोला..
हे महात्मा बुद्ध !
मैं भी लोगो की मदद करना चाहता हूं. मुझे लोगों की मदद करने की बहुत इच्छा है, लेकिन मैं कैसे मदद कर सकता हूं?
मैं बहुत गरीब हूं... मेरे पास न तो पैसे हैं और न ही कोई ऐसी चीज जिससे मैं किसी की मदद कर सकूं.
मैं कोशिश करने पर भी किसी की मदद नहीं कर सकता।
मुझे भगवान ने इतना गरीब क्यों बनाया…?हे महात्मा मुझ पर कुछ कृपा करो।
इतना बोलते हुए भिखारी रोने लगा।
महात्मा बुद्ध बोले,
आप बहुत अज्ञानी हैं क्योंकि आप अभी तक!! इस भ्रम मे जी रहे हो की तुम्हारे पास कुछ नहीं। जबकि दूसरों को कुछ देने के लिए तुम्हारे पास बहुत कुछ है। तुम बिना धन और वस्तु के भी दूसरों की मदद कर सकते हो। तुम्हारे पास जुबान है. जिससे तुम मीठे शब्द बोल कर. किसी के दुःखी चेहरे पर मुसकान ला सकते हो। इन्ही शब्दों की ताकत से तुम किसी के भी टूटते हौसलों को फिर से मजबूत कर सकते हो।इन शब्दों की शक्ति से आप किसी के भी मन में सकारात्मक विचारधारा के बीज बो सकते हैं और उसे गलत रास्ते पर जाने से रोक सकते हैं।
तुम्हारे दो हाथों से किसी भी कमजोर या लाचार व्यक्ति की सहायता कर सकते हो। आपके दो आँखे किसी अंधे को रास्ता दिखा सकते हैं। तुम किसी के लिए दुआ कर सकते हो; यह हो सकता है कि उनके बुरे काम फिर से हो जाएं। आप किसी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना कर सकते हैं।
लेकिन अज्ञानता वश तुम अब तक इस बात को समझ नहीं पाए। और इस भ्रम मे अब तक जीते रहे की तुम्हारे पास मदद करने के लिए कुछ नहीं। किसी की मदद करने के लिए धन और वस्तु का होना अनिवार्य नहीं है। बिना धन और वस्तु के भी हम कई प्रकार से लोगो की मदद कर सकते है…
महात्मा बुद्ध के ज्ञान से भरे ये सुंदर शब्द सुनकर भिखारी के चेहरे पर मुस्कान आ गई और वह खुशी से झूमता हुआ वहां से चला गया।
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