सामा चकेवा खेलब गे बहिना भैया जिवइथ हजार - Maithil | Sama chakewa |
Автор: Mithila explore
Загружено: 2024-11-11
Просмотров: 25
Описание:
सामा चकेवा खेलब गे बहिना भैया जिवइथ हजार - Maithil | Sama chakewa | #mithilaexplore
सामा चकेवा: मिथिला की अद्भुत लोक परंपरा
सामा चकेवा मिथिलांचल की एक अत्यंत लोकप्रिय और प्राचीन लोक नाट्य परंपरा है। यह पर्व कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी से पूर्णिमा तक मनाया जाता है। इस पर्व में कुमारी कन्याएँ सामा और चकेवा की भूमिका निभाती हैं।
सामा चकेवा का महत्व
भाई-बहन का प्रेम: यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है।
सांस्कृतिक विरासत: यह मिथिला की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है।
महिला सशक्तिकरण: इस पर्व में महिलाएं सक्रिय रूप से भाग लेती हैं, जो महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण है।
मनोरंजन: यह पर्व लोगों के लिए मनोरंजन का भी एक साधन है।
सामा चकेवा में कौन-कौन से पात्र होते हैं?
सामा: श्यामा, स्त्री पात्र
चकेवा: पुरुष पात्र
चुगला: चुगली करने वाला
ढोलिया: ढोल बजाने वाला
भरिया: बोझ उठाने वाला
सतभइया: सच्चा भाई
खञ्जनचिडैया: एक प्रकार का पक्षी
वनतीतर: एक प्रकार का पक्षी
झाँझी कुत्ता: एक प्रकार का कुत्ता
भैया बटतकनी: भाई
मलिनियाँ: गायिका
वृन्दावनल: एक प्रकार का वृक्ष
कैसे मनाया जाता है सामा चकेवा?
माटी की मूर्तियाँ: इस पर्व में माटी की मूर्तियाँ बनाई जाती हैं और उनमें जीवन फूंक दिया जाता है।
गीत और संगीत: पर्व के दौरान गीत और संगीत का आयोजन किया जाता है।
नाटक: सामा और चकेवा की कहानी को नाटक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
चुगला दहन: चुगला के जुँगे को जलाकर बुराई का प्रतीक समाप्त किया जाता है।
सामा चकेवा की कहानी
सामा चकेवा की कहानी भाई-बहन के अटूट प्रेम की कहानी है। सामा अपनी बहन चकेवा से बहुत प्यार करती है और उसकी हर संभव मदद करती है।
क्या आप सामा चकेवा के बारे में और जानना चाहते हैं?
सामा चकेवा के गीत: मैं आपको कुछ लोकप्रिय सामा चकेवा गीत सुना सकता हूँ।
धन्यवाद!
#samachakewa_traditionalfestival_mithilaculture_madheshpradesh_janakpurdham_brothersisterlove❤️❤️ #plviralreelsvideo🙏🙏❤️🇮🇳🥀🙏🙏
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: