मंशापूर्ण हनुमान मंदिर धलपट मे बेंच व्यवस्था :दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़ का पावन दान
Автор: Gyanoday
Загружено: 2024-02-26
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@aloksandesh
हनुमान ने चट्टान पर लिखी रामायण,
पौराणिक कथाओं के अनुसार सबसे पहले रामायण हनुमान जी ने ही लिखी थी, जिसे “हनुमद रामायण” के नाम से जाना गया. बात उस समय की है जब अपनी लीला समाप्त करके भगवान राम हनुमान को अमर होने का आशीर्वाद देकर पुनः बैकुण्ठ लौट जाते हैं. उसके बाद हनुमान जी हिमालय पर्वत पर जाकर तपस्या करने लगते हैं.
As the Hindu deity known for love, compassion, devotion, strength and intelligence, Lord Hanuman is one of the most widely worshiped Gods of this faith. Many people are seen devoting their Tuesdays to the worship of Lord Hanuman. India is filled with perhaps the grandest temples of Hanuman in every corner
सुवासरा से शामगढ़ की सडक पर धलपट ग्राम की नई आबादी में मंशापूर्ण हनुमान जी का मंदिर अवस्थित है. इस मंदिर के महात्म्य का स्मरण करते हुए भक्त गण चोला चढाने की धार्मिक रस्म करते हैं और उनकी मंशा ,कामनाएँ हनुमान जी पूर्ण करते हैं .मध्य प्रदेश और राजस्थान के अनेकों मंदिरों को नकद और सीमेंट बेंचें भेंट करने वाले डॉ.दयाराम जी आलोक के आदर्शों से प्रेरित पुत्र डॉ.अनिल कुमार राठौर ने दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़ के माध्यम से ५ सीमेंट इस मंदिर को भेंट की हैं.बेंच मंदिर के सामने वाले भाग में लगाना ज्यादा उचित रहता लेकिन पीछे मिटटी वाली कच्ची जगह पर लगा दी गई हैं. व्यवस्थापक बालकिशन जी पाटीदार इस ओर ध्यान देंगे.
ईश्वर की अनुकम्पा की छाया तले मैंने(डॉ .दयाराम आलोक ने ) मंदसौर,आगर,झालावाड,रतलाम,नीमच और झाबुआ जिलों के अंतर्गत आने वाले अनेकों मंदिरों और मुक्तिधाम के लिए सीमेंट बेंच और नकद दान का अनुष्ठान चलाया हुआ है|
१९६६ में दरजी समाज के डग स्थित भगवान् सत्य नारायण मंदिर में मूर्ती-प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन.
१९८१ में रामपूरा नगर में दरजी समाज में सामूहिक विवाह की परम्परा की नींव डाली.
१९९१ में शामगढ़ नगर में दरजी समाज का तीसरा सम्मलेन भेरुलाल जी राठौर की अध्यक्षता में आयोजित किया.
२००६ और २००८ में दो सामूहिक विवाह बोलिया ग्राम में आयोजित किये|
दरजी समाज में निज वित्त पोषित प्रथम सामूहिक विवाह सम्मेलन बोलिया ग्राम में आयोजित किया.
तदुपरांत शामगढ़ नगर में २०१२,२०१४ और २०१७ में तीन सामूहिक विवाह सम्मेलन शामगढ़ नगर में आयोजित किये.
दरजी समाज की सम्प्पूर्ण जानकारी geni.com वेबसाइट पर उल्लेखित की.
दरजी समाज की १०-१२ पीढ़ियों की जानकारी पर आधारित सैंकड़ों वंशावलियां का निर्माण कर इंटरनेट पर उपलब्ध कराई .
दरजी समाज की १५ हजार व्यक्तिगत फाईल्स का निर्माण किया|
दरजी समाज के प्रत्येक व्यक्ति का अन्य दरजी बंधुओं से रिश्ते दर्शाने वाले २ करोड़ ५० लाख चार्ट बनाये .
दान पुण्य मानव जीवन को उच्च स्तर पर ले जाने का सोपान है| ईश्वर की अनुकम्पा की छाया तले मैंने मंदसौर,आगर,झालावाड,रतलाम,नीमच और झाबुआ जिलों के अंतर्गत आने वाले अनेकों मंदिरों और मुक्तिधाम के लिए सीमेंट बेंच और नकद दान का अनुष्ठान चलाया हुआ है|
८४ वर्ष में प्रवेश किया भगवान् भोलेनाथ की असीम कृपा से आज भी नित्य ५-६ घंटे कम्प्यूटर पर चिकित्सा लेख,कविताएँ,और सामजिक इवेंट्स की जानकारी प्रस्तुत करता रहता हूँ.
दरजी समाज और मित्रों की मेरे प्रति सद्भावना और स्नेह के चलते ही मुझे उर्जा और कार्य शक्ति मिलती है.
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