daily/yoga/रोजाना सुबह करने के
Автор: Yog sanyog
Загружено: 2025-11-18
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उष्ट्रासन, जिसे ऊँट मुद्रा (कैमल पोज़) भी कहते हैं, एक योग मुद्रा है जिसमें शरीर की आकृति ऊँट के समान होती है। यह एक बैकबेंड पोज़ है जो पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है, रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन में सुधार करता है, और श्वसन स्वास्थ्य को बढ़ाता है। इसे करने के लिए वज्रासन से घुटनों के बल खड़े होकर धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकते हैं और हाथों से एड़ियों को पकड़ते हैं।
उष्ट्रासन करने की विधि-
शुरुआत: वज्रासन में बैठें, फिर घुटनों के बल खड़े हो जाएं। आपके घुटने कूल्हों के समानांतर होने चाहिए और पैर के तलवे आसमान की ओर होने चाहिए।
हाथों को कमर पर रखें: अपने दोनों हाथों को कमर पर रखें, उंगलियां नीचे की ओर हों। सुनिश्चित करें कि आपकी कोहनी और कंधे समानांतर हों।
पीठ को झुकाएं: सांस लेते हुए, अपनी रीढ़ की हड्डी को धीरे-धीरे नीचे से ऊपर की ओर झुकाएं। अपनी गर्दन पर दबाव न डालें और अपनी जांघों को जमीन से 90 डिग्री पर रखें।
एड़ियों को पकड़ें: धीरे-धीरे सांस बाहर छोड़ते हुए, दाहिने हाथ से दाहिनी एड़ी और बाएं हाथ से बाईं एड़ी को पकड़ें। गर्दन को झटका न लगने दें।
अंतिम स्थिति: इस स्थिति में 10 से 30 सेकंड तक बने रहें। आप सामान्य रूप से सांस ले सकते हैं और छोड़ सकते हैं।
वापस आएं: लंबी गहरी सांस लें और धीरे-धीरे गर्दन और कमर को सीधा करते हुए प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
लाभ--
पीठ और गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
रक्त संचार और दृष्टिकोण में सुधार करता है।
कब्ज से छुटकारा दिलाने में सहायक है।
पेट और कूल्हों की चर्बी कम करने में मदद करता है।
शरीर की मुद्रा में सुधार करता है और तनाव को कम करता है।
सावधानियां--
गंभीर पीठ या गर्दन की चोट होने पर यह आसन न करें।
उच्च रक्तचाप या हृदय रोग वाले लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
गर्भावस्था में या पेट में चोट लगने पर यह आसन करने से बचें।
यदि आप शुरुआती हैं तो किसी प्रमाणित योग प्रशिक्षक की निगरानी में ही अभ्यास करें।
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