आषाढ़ गुप्त नवरात्रि व्रत कथा। गुप्त नवरात्रि में रोजाना सुने जाने वाली कथा
Автор: Bhavya Ki Astha
Загружено: 2025-06-26
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गुप्त नवरात्रि में मां आदिशक्ति की दसमहाविद्याओं की साधना की जाती है।
गुप्त नवरात्रि महत्व
गुप्त नवरात्रि में तंत्र अर्थात वाममार्गी साधना की जाती है। इस नवरात्रि की पूजा गुप्त रूप से की जाती है। गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना करने वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। गुप्त नवरात्रि विशेषतौर पर गुप्त सिद्धियां प्राप्त करने के लिए बहुत उत्तम मानी जाती हैं। गुप्त नवरात्रि में मां की दसमहाविद्याओं की साधना करने से साधक की हर मनोकामना पूर्ण होती है और कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है।
गुप्त नवरात्रि दसमहाविद्याएं
1. मां काली,
2. तारा देवी,
3. त्रिपुर सुंदरी,
4. भुवनेश्वरी,
5. माता छिन्नमस्ता,
6. त्रिपुर भैरवी,
7. मां ध्रूमावती,
8. माता बगलामुखी,
9. माता मातंगी,
10. कमला देवी
ऋषि श्रृंगी महिला के भक्तिभाव से बहुत प्रभावित हुए। ऋषि ने उस स्त्री को आदरपूर्वक उपाय बताते हुए कहा कि वासंतिक और शारदीय नवरात्रों से तो आम जनमानस परिचित है, लेकिन इसके अतिरिक्त 2 नवरात्र और भी होते हैं जिन्हें 'गुप्त नवरात्रि' कहा जाता है। उन्होंने कहा कि प्रकट नवरात्रों में 9 देवियों की उपासना होती है और गुप्त नवरात्रों में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है।
इन नवरात्रों की प्रमुख देवी स्वरूप का नाम सर्वैश्वर्यकारिणी देवी है। यदि इन गुप्त नवरात्रि में कोई भी भक्त माता दुर्गा की पूजा-साधना करता है, तो मां उसके जीवन को सफल कर देती हैं।
पूजा विधि
अन्य नवरात्रों की ही तरह गुप्त नवरात्रों में भी 9 दिन का व्रत होता है| पहले दिन यानि प्रतिप्रदा को घटस्थापना होती है और फिर रोज़ सुबह-शाम माँ दुर्गा की पूजा की जाती है| अष्टमी या नवमी के दिन कन्या-पूजन के साथ व्रत सम्पन्न किया जाता है|
इसक अलावा जो सिद्धियां प्राप्त के लिए यह नवरात्रि रखते हैं, वे 10 महाविद्या की साधना करते है| तंत्र साधना के वक़्त बहुत सावधानी बरतनी चाहिए इसीलिए सलाह दी जाती है कि यह साधना अपने गुरु के निर्देशन में ही करें वरना इसके कई विपरीत प्रभाव पड़ सकते हैं|
क्या होगा अगर करेंगे महविद्याओं की साधना गुप्त नवरात्रि में ?
काली– पहली महाविद्या माँ काली की होती है जिससे किसी भी बीमारी या अकाल मृत्यु से बचा जा सकता है| इस सिद्धि से दुष्ट आत्माओं से भी बचाव किया जा सकता है|
तारा– दूसरी महाविद्या माँ श्मशान तारा की होती है जो हमे तीव्र बुद्धि और रचनात्मक शक्ति प्रदान करती हैं|
त्रिपुर सुंदरी– अगर कोई भी काम ऐसा है जो सपन्न नहीं हो पा रहा है तो वह त्रिपुर सुंदरी की आराधना कर सकता है|
भुवनेश्वरी– माँ भुवनेश्वरी सभी की इच्छाएं पूरी करती हैं|
छिन्नमस्ता– देवी की साधना कर सभी प्रकार की रोज़गार सम्बन्धी मसले दूर होते हैं|
त्रिपुर भैरवी– भैरवी माँ की आराधना कर के विवाह में आई बाधाओं से मुक्ति मिलती है|
धूमावती– बुरी नजर, तंत्र-मंत्र, जादू-टोने, भूत-प्रेत से मुक्ति पाने के लिए धूमावती माँ को प्रसन्न किया जाता है|
बगलामुखी– माँ बगलामुखी को खुश कर के किसी भी समस्या का समाधान निकला जा सकता है|
मातंगी– देवी मातंगी घर-ग्रेह्स्थी से जुडी हर दिक्कत का उपाय बताती है|
कमला देवी– ये धन और सुंदरता की देवी हैं| इनकी साधना से सभी प्रकार की कामनाएं पूर्ण होती है
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