Yehi Hai Such

जीवन एक पथ है और जीव अर्थात मैं अर्थात हम एक पथिक, जो इस मनुष्य शरीर में बैठकर जन्म रूपी निवास से मृत्यु रूपी विश्राम स्थल तक यात्रा करता है। इस यात्रा में इस मनुष्य शरीर रूपी वाहन में कई बदलाव आते हैं, कई जुड़ाव होते हैं, कई झूठे संबंध जुड़ते हैं, कई टूटते हैं। इस यात्रा में कई सुखद मोड़ आते हैं और कई बार तमाम मुश्किलें आती है। शरीर बढ़ता है, अवस्थाएं बदलती है, कभी ताकत आती है और कभी कमजोरी भी आती है। बीमारी, खुशी,गम, आशा, निराशा और भी बहुत कुछ।
कई बार यह यात्रा बेहद मुश्किल लगती है लेकिन यह यात्रा तो करनी ही पड़ती है।
'यही है ‌सच' जीव की इस यात्रा का।
तो जीव रूपी पथिक शरीर रूपी वाहन में बैठकर कैसे हंसी-खुशी इस यात्रा को संपन्न कर सकता है, चैनल Yehi Hai Such पर आने वाली वीडियोस में यही समझने का प्रयास किया जाता है।
खूब धन कमाने, ख्याति अर्जित करने, रुतबा कायम करने से भी बड़ा
और जरूरी काम है कि 'जीवन को कैसे सही से जिया जाए ?'
इसी प्रश्न का समाधान होता है इस चैनल पर आने वाली वीडियोज में तो आप चैनल को सब्सक्राइब करना बिल्कुल भी मत भूलना।
आपका नरेश चौहान निरंकारी 🙏🙏🙏