Giri Mohan Guru गिरि मोहन गुरु
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पुस्तक चर्चा ,, समीक्षा के नये मरोड़ प्रकाशक, तुलसी साहित्य अकादमी भोपाल भाग ,१
एक चतुष्पदी आपके पसंद की चलते चलते ,२२नव, २०२५
ऋग्वेद रूपायन प्रथम मंडल सूक्त ,१८ ऋचा पांचवीं का पद्यानुवाद २२ ,११,२०२५
हाथ जोड़ बोलै भरत विनय सुनें हे नाथ राज तिलक के साज संग आज्ञा दें रघुनाथ २६६ दोहे तक अयोध्या काण्ड
राम वचन सुन मुदित जन घबराए सुर राज भरत निजी मंतव्य से कर न देय अकाज। चित्र कूट सभा
आज का मुक्तक,,विछुडे़ दिलों के नाम
ऋग्वेद रूपायन प्रथम मंडल सूक्त 18 पांचवीं ऋचा हिंदी छंद में
पुस्तक चर्चा मेंआज श्री नर्मदा प्रसाद मालवीय नर्मदा पुरम की 16 वीं कृतिमेरी सृष्टि आपकी दृष्टि
ऋग्वेद पारायण प्रथम मंडल सूक्त 172प्रम ऋचा हिन्दी अरथ सहित
ऋग्वेद रूपायन प्रथम मंडल सूक्त 18ऋचा तीसरी हिंदी भाव छंद
अदरक ही रहने दो,,,, अलग मिजाज का मुक्तक आज चलते चलते
ंपिता सत्यका सोच अरु भ्राता तव संकोच पूर्ण करूंगा वचन तव कहो छोड़ संकोच =चित्र कूट सभा
ऋग्वेद रूपायन प्रथम मंडल सूक्त 18,की दूसरी ऋचा का भाषांतर
दुखी भरत को देख कर समझाया श्रीराम श्रीराम जो भी होता जगत में ईश अधीन तमाम अयोध्या काण्ड ,
पुस्तक चर्चा नर्मदापुरम के डां नर्मदा प्रसाद सिसो दिया का ललित निबंध संकलन रेवा के रंगरूपों में
भरत राम के सामने दुखड़ा रहे बताय जिसको सुनकर राम जी देवें कष्ट मिटाय चित्रकूट मे भरत
ऋग्वेद रूपायन प्रथम मंडल सूक्त 18 पहली ऋचा हिन्दी भाव छंद
प्रसिद्ध श्री सूक्त का हिंदी पद्यानुवाद संस्कृत न जानने वालों के लिए विशेष उपयोगी
कहा भरत ने आजतक रहे आप अनुकूल , रुख राखेंगे आज भी भूल हमारी भूल,,, चित्रकूट सभा मेंभरत
ऋग्वेद रूपायन प्रथम मंडल सूक्त 17 ऋचा 8की हिंदी भाव छंद
मेरे मन की जानते गुर वशिष्ठ अरु राम कहा भरत ने इसलिए शुभ होगा परिणाम,,, चित्रकूट में भरत
गुरु वशिष्ठ से राम ने कहा भरत की चाह शपथ आपकी अवस ही होगा पूर्ण निबाह, अयोध्या काण्ड
ऋग्वेद रूपायन सूक्त 17 ऋचा ,7 हिंदी रूपान्तर
चलते चलते आज फिर एक मुक्तक ,किसी को दर्द हो कविता लिखे कोई,,,
ऋग्वेद रूपायन प्रथम मंडल सूक्त ,१७ , ऋचा ६का भाव छंद
पत्रिका परिचय मे आज अग्नि मान त्रै, मा, मुंबई अब झांसी से जुलाई सित, २०१८ का अंक सुनिए क्षणिका एं भी
राम कहा आज्ञा करें कहा वशिष्ठ विचार करें भरत की विनय सुन धर्म नीति अनुसार, अयोध्या काण्ड
वेद रूपायन ऋग्वेद प्रथम मंडल सूक्त १७ ऋचा ५ हिंदी काव्य छंद
भरत व़िनय सुन गुरु जी गये रामजी पास देश काल अनुसार ही प्रकट कीन्ह अभिलाष , अयोध्या काण्ड
अररिया की पत्रिका संवदिया में प्रकाशित गजलों का एकल काव्य पाठ नर्मदा काव्य मंचसे