अध्यात्म विश्व विज्ञान
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" अध्यात्म विश्व विज्ञान " सभी मतोका समन्वय और वैश्विक मानव को कृतार्थ करनेवाले गीता अध्याय 11 मे उल्लेखीत दिव्य चक्षु दिव्य दृष्टि का सर्वत्र प्रचार प्रसार करने का माध्यम है . पिंड ब्रम्हांड की एकात्मता सिद्ध करके विश्व रूप परमात्मा की सेवा मे मानव को अग्रेसर करने की प्रेरणा हो ; यही हमारा प्रयास है ! कृपया शेयर कर के इस विश्व विज्ञान का प्रचार कर सद्गुरु प्रेम प्राप्त करेंगे । धन्यवाद मित्रो ।
अध्यात्म विज्ञान नक्शों द्वारा यथार्थ। उपदेशक-आचार्यश्री महेन्द्र चौकसे। नक्शोंमें अध्यात्म विज्ञान
आचार्य श्री महेन्द्र चौकसे द्वारा " नक्शों में विज्ञान " । अध्यात्म विज्ञान शाला उपकेंद्र, नागपुर।
आरती
बोलिए जी - गोलमाल क्यों है ? अंजन बोध का ! वक्तव्य - स्वानंद गुरूजी।
परमात्म दर्शन का एक ही मार्ग - सदगुरु युक्ति सर्वांगयोग। स्वानंद निवेदन
# मराठी # श्री राम। श्री सुधीर फड़के यांचे शिष्य श्री नामदेव बालपांडे तारसागीतरामायण सुश्राव्य गायन
स्वामी श्री जीवनानंद जी चैतन्य द्वारा पाखंड और दिखावा प्रवृत्ति पर कठोर प्रहार।
सिद्धी का यथार्थ? प पु सिद्धाचार्य स्वामी डॉ श्री जीवनानंद जी चैतन्य उपदेशामृत।
विश्वरूप परमात्मा को यथार्थ जानने की सद्गुरु युक्ति" सर्वांगयोग " आपके अनुरोध पर पुनश्च प्रस्तुत है।
बुद्धि प्रकाशित करने विशेष विभुति। बुद्ध जयंती महोत्सव पर हार्दिक स्वागत, शुभकामनाएं
दिव्यदृष्टि, अवतार सदगुरु और कलियुग का प्रस्थान। स्वामी श्री जीवनानंद जी चैतन्य द्वारा यथार्थ उपदेश।
आयुर्वेद चिकित्सा, उपचार और कफ, वात, पित्त ! महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत है।
संतप्त मन और बुद्धि की औषधि सदगुरु युक्ति सर्वांगयोग है।
अनुमान और प्रत्यक्ष अनुभव ? स्वामी श्री जीवनानंद जी चैतन्य द्वारा यथार्थ उपदेश। विश्व रूप दर्शन।
हर देस में तु, हर भेस में तु !!! श्री संत तुकड्यादास महाराज की रचना श्री नामदेव बालपांडे के स्वर में
बांधवगढ़ की गुफ़ा में संत कबीरदास जी ने धनी धर्मदास को क्या उपदेश दिया?
(मराठी)गीतरामायण । श्री सुधीर फड़के यांचे शिष्य श्री नामदेव बालपांडे तारसेकर यांचे सुश्राव्य गायन .
गणतंत्र भारत वैश्विक आदर्श। स्वामी श्री जीवनानंद जी चैतन्य द्वारा श्रीमद्भागवत निरूपण। अंक १
मानव अशांत, अतृप्त क्यों ? भुल क्या है ? उपाय क्या हैं ? माता रामसखी देवी।
गीता प्रश्नोत्तरी - एक सरल अध्ययन। अध्यात्मविभुति श्री चंद्रकांत अभ्यंकर। आलेख - मा प्राची गोडबोले।
।। भक्ति रहस्य।। नवधा भक्ति का यथार्थ स्वरूप दिग्दर्शन माता रामसखी देवी द्वारा प्रस्तुत है।
अध्यात्म विज्ञान प्रचारक और उपदेशकों को यथार्थ चेतावनी। माता रामसखी देवी।
धर्म संस्थापना का यथार्थ स्वरूप? स्वामी श्री उमाशंकर जी चैतन्य द्वारा सरल सहज विश्लेषणछत्तीसगढ़अविस
सप्त भुमिकाएं ? ऋषि, मुनि, देवर्षि, महर्षि, ब्रम्हर्षि, विभुति, संत और अवतार।
सनातन सिद्धांत क्या है? अनुभव युक्त उपदेश - स्वामी श्री उमाशंकर जी चैतन्य । संचालक, केन्द्रीय आविशा
नारायण भगवान श्री मायानन्दजी चैतन्य। अध्यात्म विज्ञान का प्रचार प्रसार कार्य की अलौकिकता। स्वामी
श्रीमद्भगवद्गीता अब चायना भाषा में भाषांतर उपलब्ध है। भाषान्तरकार - झांग बाओशेंग। गीता गौरव।
श्रीमद्भगवद्गीता हिंदी समश्लोकी। भाग २। अध्याय ११ से १८. रचियता - सदगुरु भगवान श्री मायानन्दजी चैतन्
मन की प्यास शरीर की है कि आत्मा की? आध्यात्मिक प्रश्न मंजुषा में शंका समाधान।
आत्मा सजीव है कि निर्जीव ? आध्यात्मिक प्रश्न मंजरी में प्रायोगिक विज्ञाननिष्ठ मंथन। Soul