चंद पल अपने भी
संजय अग्रवाल

कौन भला स्वीकार करेगा जीवन एक संग्राम नहीं है - आदरणीय अर्जुन सिसोदिया जी की रचना ।

7 March 2023

चलो इस दफ़े दीवाली घर पर मनाते हैं ••• एक अज्ञात रचनाकार की कविता ।

उलझे पथ कैसे सुलझाऊँ । भाई संदीप द्विवेदी जी की रचना ।

काश ये जिंदगी मोहलत देती - आदरणीय निर्मला त्रिवेदी जी की रचना ।

जो दिख रहा है सामने वो दृश्य मात्र है - भाई आलोक श्रीवास्तव जी की रचना ।

तीन पहर तो बीत गए •• बस एक पहर ही बाकी है - एक अनजान रचनाकार की कविता ।

अभी उम्मीद है जिंदा ••• अभी अरमान बाकी है - अजय 'अज्ञात' जी ।

तूफानों की ओर घुमा दो •• नाविक निज पतवार - आदरणीय शिवमंगल सिंह सुमन जी

आदमी की औकात - दिवंगत जैनमुनि तरुण सागर जी

हम कह देंगे •• सब बढ़िया है - एक अनजान रचनाकार की कविता

कैसा है सफर ••••• नीलिमा त्रिवेदी जी ।

आहिस्ता चल ऐ जिंदगी - आदरणीय गुलजार साहब

नए साल की शुभकामनाएं - सर्वेश्वरदयाल सक्सेना जी ।

अंतिम यात्रा - अनजान शायर ।

ढ़ूढ़ते रह जाओगे - आदरणीय अरुण जमीनी जी ।

ऐसे मैं मन बहलाता हूँ - हरिवंशराय बच्चन जी ।

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो •• अब गोविंद न आएंगे - पुष्पमित्र उपाध्याय जी

हम पंछी - आदरणीय शिवमंगलसिंह सुमन जी ।

इस पार प्रिये मधु है •• हरिवंशराय बच्चन जी •• भाग 3

इस पार प्रिये मधु है तुम हो •• भाग 2 - हरिवंशराय बच्चन जी ।

हम भी दुखी •• तुम भी दुखी - ओम प्रभाकर जी ।

कलम आज उनकी जय बोल - राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी

कलम आज उनकी जय बोल - राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी

इस पार प्रिये मधु है ••• भाग 1 ••• हरिवंशराय बच्चन जी

जलाओ दिए पर रहै ध्यान इतना - गोपालदास नीरज जी

मौन करुणा - रामकुमार वर्मा जी ।

हार न अपनी मानूंगा मैं - गोपालदास नीरज जी ।

पूर्व चलने के बटोही •• बाट की पहचान कर ले - हरिवंशराय बच्चन जी ।

जिस जिस से पथ पर स्नेह मिला •• उस उस राही को धन्यवाद - शिव मंगल सुमन जी