GEETANJALI
यह चैनल श्रीमद् भगवद् गीता की शिक्षाओं पर आधारित है। गीतांजलि का अर्थ है = गीतों का संग्रह ।
भगवद् गीता अर्थात भगवान् का गीत, इसीलिए गीतांजलि अर्थात दिव्य गीतों का संग्रह है जिन्हें भगवान् और भक्ति योग के महान आचार्यों ने गाया है।
क्लास रोज़ होती है, (कृष्ण इच्छा से ) लेकिन हो सकता है कि हर दिन YouTube पर वीडियो न आ पाए। गंभीर भक्तों से निवेदन है कि आप live क्लास में आयें। To join live class WhatsApp only +91 9193830675
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और हरे कृष्ण महामत्र का जप करें ! 📿
हरे कृष्ण हरे कृष्ण
कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम
राम राम हरे हरे।।
BG 12.15 शुद्ध भक्तों के गुण जिससे वे भगवान् को प्रिय हो जाते हैं ?
BG12.13-14 Part 2 | शुद्ध भक्त के गुण जिनसे वह भगवान् को प्रिय हो जाता है।
Bg 12.13-14 | शुद्ध भक्त के गुण जिनसे वह भगवान् को प्रिय हो जाता है ?
BG 12.12 | निष्काम कर्म योग किनके लिए अच्छा है और क्यों ?
Bg 12.6-11 विशेष चर्चा | गीता सार | Part 2
BG 12.6-12.10 विशेष चर्चा | अत्यंत महत्वपूर्ण | गीता सार
BG 12.11यदि तुम मेरे लिए कर्म करने में असमर्थ हो तो यह करो | geetanjali_108
BG 12.10 | यदि तुम भक्ति योग के विधि विधानों का पालन नहीं कर सकते तो यह करो !
BG 12.8-9 || भगवान् में ही मन क्यों लगाना चाहिए और यदि न लगे तब क्या करना चाहिए ?
BG 12.6-7 Part 2 || क्या भक्तों को भगवान् स्वयं अपने धाम ले कर जाते हैं ?
BG 12.6-7 Part 1 | अति सुन्दर श्लोक! | भगवान् स्वयं अपने भक्त को मृत्यु संसार से उबारते हैं।
Bg 12.5 Part 2 | ज्ञानी श्रेष्ठ है या भक्त ? | निराकार ब्रह्म की उपासना में केवल क्लेश
BG 12.5 Part 1 || जो निराकार ब्रह्म में आसक्त हैं उसे क्या प्राप्त होता है ?
BG 12.3-4 || अव्यक्त निर्विशेष की उपासना करने वाला भी अंततः भगवान् को प्राप्त होता है।
BG 12.2 || एक भक्त और निर्विशेषवादी में कौन अधिक श्रेष्ठ है ?
BG 12.1 || भगवद गीता अध्याय 12 श्लोक 1 | भक्त श्रेष्ठ है या निर्विशेषवादी ?
BG Ch 11 Que-Ans
BG Chapter 11 Revision Viraat Roop || भगवद गीता अध्याय 11 पुनर्वालोकन | geetanjali_108
Bg 11.55 ||Part 2| सम्पूर्ण भगवद गीता का सार
BG 11.55 |Part 1 भगवान् के धाम में भगवान की संगति प्राप्त करने की योग्यता क्या है ?
BG 11.54 Part 2 | भगवान् का आदि रूप कौनसा है ? विराट रूप , चर्तुभु रूप या कृष्ण रूप ?
BG 11.54 Part 1| किस विधि से भगवान् के दर्शन होंगे ?
BG 11.53 || क्या वेद पढ़ने से ,दान देने से , पूजा करने से भगवान् के दर्शन हो जाते हैं ?
BG 11.52 || श्री भगवान् का विराट रूप श्रेष्ठ है या श्यामसुंदर रूप ?
BG 11.51 || क्या देखकर भयभीत हुए अर्जुन का चित्त स्थिर हुआ ?
BG 11.49-50 || श्री भगवान् ने किस प्रकार भयभीत अर्जुन को धैर्य बँधाया ?
BG 11.48 || अर्जुन से पूर्व किसी ने भी भगवान् के विराट रूप को क्यों नहीं देखा ?
BG 11.46-47 || Bhagavad Gita Adhyay11 Shlok 46- 47 Virat Roop
BG 11.44-45|| अर्जुन द्वारा भगवान् से क्षमा याचना
BG 11.43 || श्री भगवान् से बढ़कर और कोई नहीं है।