kartik. harmonium and cultural programs
मन तो मेरा हर लिया गोविंद माधव श्याम ने
वह मन कहां से लाऊं, तेरी भक्ति में जो मन लगे.
आरती करो हरिहर की करो आरती करो शिवशंकर को.
ओ हंसा रे ये पिंजरा न तेरा
ज्योति कलश छलके,
अब सोंप दिया इस जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों मैं.
भला हुआ मेरी मटकी टूटी ,मैं पनिया भरन से बची
लगन तुमसे लगा बैठे जो होगा देखा जाएगा.
छाप तिलक सब छीनी रे
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना ,भूल जाने के काबिल नहीं है.
मेरी झोपड़ी के भाग आज जाग जाएंगे राम आऐंगे.
बाजरे की रोटी भोलेनाथ भांग पीना भूल जाओगे.
लक्ष्मण मेघनाथ संवाद
अंगद रावण संवाद
मैं जानू बल तोड़ी रावण, अंगद लावण संवाद
रघुकुल में सूर्य समान हो तुम श्री राम तुम्हारी जय हो
अंगद रावण संवाद ,फुलारागांव राम-लीला, चंपावत
मेरी चौखट पर चलकर आज चारों धाम आए है ?
लक्ष्मण और सूर्पनखा का संवाद.
खरदूषण का सुंदर अभिनय
मैं वाह वाह वाह मेरी यौवन की देखो बहार .ससूर्पनखा का सुंदर अभिनय
भोले ओ भोले, क्या खाता है ये बता दे मेरे पांव मैं छाले.
हट री यहां से आयी कहां से ,शत्रुघन का मन्थरा के प्रति गुस्सा.
उत्तराखंड मेरी मातृभूमि
आरती करो शिव शंकर की,
भगवान आ जाओ अपना वचन निभा जाओ.
चंद्र बदन मृगलोचनी मैया तेरा भवन है कहां
कन्हैया रे तेरी गजब की मुरलिया
कायदा २ से तिरकिट की तिहाई
पहाड़ ठंडो पानी कति भलि मीठी बाणी .