jay mewar Jay Rana Pratap


महाराणा प्रताप एक महान योद्धा, मेवाड़ के 13वें राजा थे जिनका जन्म 9 मई, 1540 को कुंभलगढ़ में हुआ था। वे सिसोदिया राजपूत वंश के थे और महाराणा उदय सिंह द्वितीय और महारानी जयवंता बाई के पुत्र थे। महाराणा प्रताप को मुगल सम्राटों, विशेषकर अकबर के विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ़ प्रतिरोध का प्रतीक माना जाता है और उन्होंने कभी भी अपनी मातृभूमि के लिए समझौता नहीं किया। 1572 में अपने पिता की मृत्यु के बाद, उन्होंने मेवाड़ की गद्दी संभाली और अपनी बहादुरी, नेतृत्व और युद्ध कौशल के लिए जाने जाते हैं।
जन्म और वंश:
जन्म: 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी दुर्ग में शाहजी भोसले और जीजाबाई के यहाँ हुआ था।
प्रभाव: उनकी माता जीजाबाई और महाभारत, रामायण की कहानियों ने उनके चरित्र और स्वाधीनता की भावना को गहरा प्रभावित किया।
शिक्षा: उन्होंने बचपन से ही राजनीति और युद्ध की शिक्षा ली, जिससे वे एक कुशल रणनीतिकार बने।
उदय और सैन्य अभियान:
पहला किला: 16 वर्ष की आयु में उन्होंने तोरणा किला जीता और मराठा साम्राज्य की नींव रखी।
गुरिल्ला युद्ध: वे अपनी नवीन गुरिल्ला युद्ध रणनीतियों के लिए प्रसिद्ध हुए,