Madhuranand shrigyupta

सदगुरुदेव निखिल जी के शिष्य आचार्य मधुरानंद श्रीज्ञुप्त जी ने अनेक लोगों के जीवन को अपने ज्ञान के माध्यम से निखारा है, निखिलोपनिषद के रचयिता मधुरानंद श्रीज्ञुप्त जी ने साधना, अध्यात्म व कर्मकाण्ड पूजा-उपासना में सिद्ध आचार्य हैं। ईश्वर की दया से यजुर्वेद, सामवेद व अथर्ववेद तथा श्रग्वेद को गुरुकृपा से ही धारण किया है। श्री रामकथा का नवान्हपारायण व सम्पूर्ण संगीतमय रामकथा का ज्ञान धारण करके अब अपनी ज्ञान शक्ति से श्री चेतना जनमानस में भर रहे हैं। वसुधैव कुटुंबकम् की विचारधारा से ओत-प्रोत आचार्य जी ने निखिल धर्म स्थापित करने का निर्णय लिया है। २३ जुलाई २०२१ के अभिजीत मुहूर्त में गुरु पूर्णिमा पर विशेष ध्यान करते हुए जो परमात्मा की संकेतानुसार आज्ञा हुई, उसी का पालन करने के लिये कदम आगे की ओर बढ़ाया है।
आइए हम सब मिलकर एक नये युुुग का निर्माण करें।