निमाड़ी लोकविधा
NIMADI LOKVIDHA
नमस्कार दोस्तों निमाड़ी लोकविधा चैनल में आपका हार्दिक हार्दिक स्वागत है इस चैनल में आपको निमाड़ी लोकगीत की रचनाएं प्रस्तुत करूंगा जैसे की | निमाड़ी कलगी तुर्रा दंगल | निमाड़ी कविताएं |
निमाड़ी गाने | निमाड़ी शायरी | और निमाड़ के सुप्रसिद्ध कवियों की रचनाएं | nimadi folk song | सिंगा जी भजन | निमाड़ी गरबी | निमाड़ी कवि | निमाड़ी लेखक | निमाड़ी कॉमेडी |
सुंदरकांड पाठ | रामायण पाठ | फिल्मी गाने | भजन |
निमाड़ पड़वा पर्व हीरा गीत | दीपावली पड़वा पर्व | निमाड़ी लोकविधा | निमाड़ी लोकगीत |
दीपावली पर्व पड़वा | निमाड़ी पड़वा पर्व हीरा गीत | निमाड़ी लोकविधा | निमाड़ी लोकगीत |
माई नवदुर्गा भवानी अपना घर आई | निमाड़ी गरबा | नवरात्रि गरबा #garage #nimadilokgeet
भस्मी रमाने ने वाले डमरू बजाने वाले | बम लहरी भोले बाबा | श्रावण सोमवार भजन | भोलेनाथ भजन |
मक गुरु न दियो श्राप | बन्यौ आशीर्वाद | गुरु पूर्णिमा सिंगा जी भजन | निमाड़ी लोकगीत | कलगी तुर्रा
तुम्हीं ने सिखाया है खतरों से खेलो | हला हाल को पीने वाले श्रावण सोमवार भजन | गुरु पूर्णिमा श्रावण
चंद्रमुखी से वो गुल बदनी | अटारी ऊपर जब वो खड़ी थी | निमाड़ी कलगी तुर्रा दंगल | निमाड़ी लोकविधा |
मुनि बोल्या मधुर मुख सी वाणी | मत बेटा होन उल उल करो | निमाड़ी लोकगीत | निमाड़ी कलगी तुर्रा दंगल |
खोर तो काई आव रे माटी | वकी तो मन गरमी क छाटी | निमाड़ी लोकगीत | कलगी तुर्रा दंगल | निमाड़ी लोकविधा
पाप कपट सब छोड़ के प्यारे | न मन की आंखे खोल | मानव अमोल वाणी बोल | निमाड़ी लोकगीत | निमाड़ी लोकविधा
प्रथम मनाऊं में श्री गणराज को | आज दंगल में रखना प्रभु मेरी लाज को | निमाड़ी कलगी तुर्रा | भजन |
क्या बोला अंगद है तम तमा के | काहू तो क्या बे सरम है रावण | निमाड़ी कलगी तुर्रा | निमाड़ी लोकगीत |
डोडगलई अम्मोस आई ज्येष्ठ का मास | सोमवती अमावस | निमाड़ी लोकगीत | निमाड़ी लोकविधा | कलगी तुर्रा
अहंकार अति पहुंचाव छती कर गर्व गुमान तू घड़ी घड़ी |निमाड़ी कलगी तुर्रा | निमाड़ी लोकगीत |निमाड़ी गीत
मत बल बलअ तू याह नाना रे | मात खाई न गया कई श्याना रे |बहुत ही सुंदर ख्याल | निमाड़ी लोकगीत |
सब देवन के सरताज हो तुमक मनवा आज हो | बहुत ही सुंदर रचना | निमाड़ी कलगी तुर्रा दंगल | निमाड़ी लोकगीत
थारो न म्हारो जोड़ो थारो न म्हारो जोड़ो | बहुत ही सुंदर रचना | एक बार जरूर सुने | निमाड़ी लोकगीत |
सिंगार करती तन पे सुहागन सजा अनुपम साज रे | निमाड़ी गणगौर गीत | निमाड़ी कलगी तुर्रा | निमाड़ी लोकगीत
लाड़ी बाई बनी गई सुभद्रा अर्जुन क दुल्लों बनई दियो | निमाड़ी लोकगीत | निमाड़ी कलगी तुर्रा |
नई विप्र जसो कोई दानी हूतो | भुक्या प्राणी क भोजन दान दियो | आतिथि को पयल सम्मान कार्यों |
भरत को देती तू राजगद्दी इसमें कोई हार्ज नहीं | रामायण का बहुत सुंदर प्रसंग | निमाड़ी कलगी तुर्रा |
माघ मास शुक्ल तिथि पंचमी | ऋतु बसंत की अगवानी रे | मां प्रकट हुई वीणा वाणी रे | निमाड़ी लोकगीत |
धन धन रे किरसान भाई | मोठो थारो नाव मोठो थारो नाव | निमाड़ी लोकगीत | किसान भाई के ऊपर सुंदर रचना |
भारत माता के शेर सपूत | शरहद पे जौहर दिखाएंगे | निमाड़ी लोकगीत | पहलगाम अटैक |
जहां रामायण सी सीख मिली | वहां समर्पण होड़ लगी | रामायण पर आधारित बहुत ही सुंदर ख्याल |
झालरिया दे रही लुगईया महीना चईत का | निमाड़ी गणगौर गीत | कलगी तुर्रा दंगल |
मनई गणगौर लावा हो | बहुत ही सुंदर गणगौर गीत रचना | निमाड़ी कलगी तुर्रा दंगल | निमाड़ी लोकविधा
थारो काल बनी न पयदा हुयो | हाऊ माय बाप का दुखड़ा म | निमाड़ी कलगी तुर्रा दंगल | निमाड़ी लोकविधा |
खुशमान हुई जैका प गणगौर माई रे | निमाड़ी गणगौर गीत | निमाड़ी कलगी तुर्रा दंगल |
लहर लहर लहराय की देवा झालरियो | बहुत ही सुंदर रचना | कलगी तुर्रा दंगल | निमाड़ी लोकगीत |